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November 22, 2024 8:47 pm

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सुआ नृत्य प्रतियोगिता ; प्रतियोगियों के थिरकते पैरों और उनकी भंगिमाओं से दर्शक भाव विभोर हो उठे, वीडियो ? देखिए

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छत्तीसगढ़ ब्यूरो रिपोर्ट 

बिलासपुर छत्तीसगढ़। दीपावली एवं देव उठनी एकादशी पर्व के अवसर पर महिलाओं द्वारा गाया जाने वाला गीत है। यह प्रमुख रूप महिलाओं द्वारा सुआ गीत गाया जाता है।

सुआ का अर्थ तोता होता है। महिलाएं सुआ के माध्यम से न्योता देने एवं अपने संदेशों को ईश्वर या अपने प्रिय तक पहुंचाने के लिए गाती है। इसलिए सुआ गीत को विरह का गीत भी कहा जाता है। छत्तीसगढ़ के प्रत्येक गांव में सुआ गीत गाया जाता है।

इसी परंपरा एवं संस्कृति को आगे बढ़ाते हुए भोजली महोत्सव समिति तोरवा बिलासपुर के द्वारा सुआ नाच महोत्सव का आयोजन तोरवा धान मंडी चौक गुंबर पैट्रोल पंप बिलासपुर के पास किया गया।

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कार्यक्रम का प्रारंभ दर्शकों से खचाखच भरी हुई मैदान में छत्तीसगढ़ महतारी के छाया चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन तथा राजगीत के साथ किया गया। कार्यक्रम में बीस दल ने भाग लेकर अपने उत्कृष्ट कला का प्रदर्शन किया जिनको दर्शकों का प्रोत्साहन मिलता रहा।

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के हास्य कलाकार दूजे निषाद ढ़ोलढोल के द्वारा भी हास्य प्रस्तुति दिया गया इनके साथ छत्तीसगढ़ फिल्म निर्माता संजू यादव एवं सह कलाकार पायल साहू, किशन मानिकपुरी ने भी प्रस्तुति दिया।

कार्यक्रम में प्रथम पुरस्कार आकांक्षा नृत्य दल देवरीडीह, द्वितीय पुरुस्कार सुपर्णा सुआ नृत्य दल कुटीपारा, तृतीय पुरुस्कार नीरा इंद्राणी सुआ नृत्य दल फरहदा एवं चतुर्थ स्थान बालिका सुआ नृत्य दल मचखंडा ने प्राप्त किया।

प्रतियोगिता में भाग लेने वाले अन्य सोलह दलों को सांत्वना पुरस्कार अतिथियों के द्वारा प्रदान किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री अमर अग्रवाल पूर्व मंत्री छत्तीसगढ़ शासन विशिष्ट अतिथि अभय नारायण राय अजय यादव एमआईसी सदस्य, लक्ष्मी यादव पार्षद ,सुभाष पोर्ते,राकेश यादव रहे।भोजली महोत्सव समिति तोरवा बिलासपुर के अध्यक्ष शंकर यादव ने कहा सुआ नृत्य छत्तीसगढ़ राज्य की स्त्रियों स्त्रियों का एक प्रमुख है जो की समूह में किया जाता है स्त्री मन की भावना उनके अंगों का सुआ नृत्य या सुहाना में देखने को मिलता है कार्यक्रमकार्यक्रम में निर्णायक की भूमिका में श्री महेंद्र साहू कार्यक्रम प्रमुख आकाशवाणी बिलासपुर सुनील यादव एवं सहदेव केंवट तथा कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. सुनीता मिश्रा जी एवं श्री महेंद्र ध्रुव ने किया ।

कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति के अध्यक्ष श्री शंकर यादव के साथ गंगेश्वर सिंह उईके, नरेंद्र श्रीवास, श्रीनू राव, सुनील भाई, पल्लव धर,शशांक शर्मा, नंदकिशोर यादव, शुभम यादव, उपेंद्र पांडे, सुरेश दास मुकेश केवट, गोपाल यादव मनोहर पटेल मनीष पटेल ,रामानुज यादव आदि साथियों का सराहनीय योगदान रहा।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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