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23 February 2025 11:09 pm

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निकाह की जिद को लेकर युवती पंहुच गई प्रेमी के घर तो पढ़िए फिर क्या हुआ?

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

रामपुर। उत्तर प्रदेश के रामपुर के केमरी पुलिस स्टेशन एरिया अंतर्गत गांव बिढऊ मे  प्रेमी से निकाह करने की जिद कर युवती उसके घर पहुंच गई। दोनों की बिरादरी अलग होने के चलते पहले तो परिजन तैयार नहीं थे। युवती ने निकाह न होने पर प्रेमी के घर पर ही सुसाइड करने की धमकी दे दी। दिन भर हंगामा होता रहा, मामला थाने तक भी पहुंचा। गांव में पंचायत हुई। अंतत: युवती की जिद के परिजन मान गये और रात में दोनों का निकाह करा दिया गया।

गांव बिढऊ में तुर्क बिरादरी की एक लड़की के माता-पिता की काफी पहले बीमारी के चलते मृत्यु हो चुकी है। गांव के ही अंसारी जाति के युवक से उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों आपस में चोरी छुपे मिलते रहते थे। युवती के दोनों भाई गुरुवार को काम पर गये थे। भाभी घर के काम में व्यस्त थीं। मौका पाकर युवती घर से चुपचाप निकल प्रेमी के घर पहुंच गई। युवती प्रेमी से निकाह करने की जिद करने लगी। युवक के स्वजन ने काफी समझाया, लेकिन वह जिद पर ड़ी रही। उसने प्रेमी के घर वालों को धमकी दी कि अगर उसका निकाह नहीं कराया तो वह यही सुसाइड कर लेगी। उसकी यह बात सुनकर युवक के परिजन घबरा गए। उन्होंने युवती के परिजन को बुला लिया। उन्होंने भी युवती को समझाने का प्रयास किया, लेकिन युवती नहीं मानी।

पुलिस के समझाने पर माने दोनों के परिजन

शोर शराबा होने पर गांव के लोगों की भीड़ जुट गई। अनहोनी की आशंका के चलते युवक के परिजन ने पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस युवक-युवती और उनके परिजन को पुलिस स्टेशन ले आई। पुलिस के समझाने पर दोनों के परिजन मान गये। थाना प्रभारी राजीव कुमार गंगवार ने लड़की से निकाह कराने का वायदा करके घर वाले उसे अपने साथ गांव ले गये।

रात में पंचायत के बाद हुआ निकाह

पुलिस स्टेशन से आने के बाद रात 10.30 बजे गांव में पंचायत हुई, जिसमें दोनों के स्वजन और संभ्रांत लोग बैठे। दोनों के निकाह का फैसला लिया। गांव के हसनैन मस्जिद के इमाम हाफिज दिलशाद ने युवक के घर पर दोनों का निकाह करा दिया।

निकाह के गवाह गांव के अहमद अली, नफीस अहमद, अख्तर अली, शकील अहमद, छोटे अली, लाला जाहिद अली, फरीद अहमद, शरीफ अहमद, आले नबी हाजी, शकूर अहमद आदि ग्रामीण बने।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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