कमलेश कुमार चौधरी और दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को छठ घाट पर अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य दिया। अखिल भारतीय भोजपुरी समाज की ओर से आयोजित कार्यक्रम में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि छठ पर्व प्रकृति शुद्धता के साथ आत्म शुद्धि का पर्व है। सामाजिक समरसता के प्रतीक पर्व हमें एकता और प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी का बोध कराते हैं।
सूर्य देव की कृपा सभी पर बनी रहे, यह पर्व यही संदेश देता है। भगवान सभी को समान रूप से फल देते हैं बस कितना आप ग्रहण और कैसे ले सकते हैं, यह आस्था से तय होता है। मुख्यमंत्री ने भोजपुरी में सब पर बनल रहे छठी मइया की कृपा का आशीर्वाद दिया तो पूरा परिसर तालियों से गुंजायमान हो उठा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूजा से पहले सफाई अभियान के लिए भोजपुरी समाज के साथ ही उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, महापौर सयुक्ता भाटिया व डीएम सूर्यपाल गंगवार समेत प्रशासन की तारीफ की। मुख्यमंत्री ने समापन के बाद भी सफाई अभियान चलाने का आह्वान किया।
घाटों पर बिखरी छठ की छटा, अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए उमड़ा सैलाब
विविधता में एकता के रंग से सराबोर रविवार को छठ पर्व पर अस्ताचलगामी सूर्य की उपासना के लिए गोमती घाटों पर उमड़ा जन सैलाब हमारी आस्था और विश्वास को और समृद्धि प्रदान कर रहा था। समृद्धि के देव भगवान सूर्य की उपासना के लिए शाम से ही सिर पर टोकरी में विविध प्रकार के पूजन सामग्री के साथ पुरुषों के अंदर जहां पूजन की उत्सुकता नजर आ रही थी तो निर्जला व्रती महिलाएं छठ मइया को समर्पित गीतों का गुलदस्ता पेशकर माहौल को छठ के रंग में रंगने का कार्य कर रही थीं।
अंधेरे में समृद्धि के उजाले की कामना का नजारा देखते ही बन रहा था। यह नजारा अकेले लक्ष्मण मेला घाट पर ही नहीं लखनऊ के अधिकतर घाटों पर देखने को मिला। लक्ष्मण मेला स्थल के छठ घाट पर आयोजित हुए मुख्य समारोह में दोपहर बाद से हर लोगों के आने का क्रम शुरू हो गया था।
सुनहरी रोशनी से नहाए टेंट में जहां गायक अपनी गायकी का जलवा बिखेर रहे थे तो दूसरी ओर घाटों पर बनी सुशोभिता (छठ मइया के प्रतीक) के पास महिलाओं की टोली गीतों संग छठी मइया से पति की दीर्घायु और संतान सुख की कामना कर रही थीं। सोमवार को महिलाएं सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करेंगी।
पहले किया स्नान फिर किया ध्यान : साथी महिलाओं के संग घाट पर आई व्रती महिलाओं ने घाट पर पहले स्नान किया और फिर पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर संतान सुख की कामना की। सिंघाड़ा, नारियल, फलों के साथ ही सूप, कच्ची हल्दी, मूली व गन्ना समेत पूजन सामग्री को मिट्टी की बनी सुशोभिता पर चढ़ाया और विधि विधान से पूजन कर छठी मइया के गीत गाए।
केरवा फरेला घवद से ओहे पे सुगा मंडराय…, देवी मइया सुन लो अरजिया हमार और कांचहि बांस की बहंगिया… जैसे छठ गीतों से माहौल छठ मइया की भक्ति से सराबोर हो उठा। सूर्य अस्त होने से पहले पहुंचने की उत्सुकता देखते ही बन रही थी। बैंड बाजे की धुन पर लोग थिरकते हुए न केवल घाट पर छठ की छटा बिखेरी बल्कि आतिशबाजी संग डूबते सूर्य की आराधना के साथ आतिशबाजी की। कुछ व्रती रातभर घाट पर रुके हुए थे और देर रात तक छठी मइया के गीतों का लुफ्त उठाते नजर आए।
यहां भी बिखरी छठ की छटा : कृष्णा नगर के मानस नगर के नई पानी की टंकी स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर परिसर में भी गड्ढा खोदकर महिलाओं ने पूजन किया। उदय सिंह व अखिलेश सिंह के संयोजन में आयोजित पूजन में शंकरी सिंह, विनय दीक्षित, राजा भइया के अलावा रंजना सिंह, विद्यावती, कलावती व पार्वती देवी समेत कई महिलाओं ने पूजा अर्चना की।
खदरा के शिव मंदिर घाट पर धनंजय द्विवेदी के संयोजन में गायक संतोष राय ने गीतों का गुलदस्ता पेश किया और महिलाओं ने पूजन किया। मनकामेश्वर उपवन घाट में महंत देव्यागिरि के सानिध्य में महिलाओं ने सूर्य को अर्घ्य दिया। महंत ने समाज के कल्याण के लिए व्रत रखकर अर्घ्य दिया।
तकरोही के दीनदयाल पुरम पार्क में पिछले 18 वर्षों से आयोजित पूजन में महिलाओं ने सूर्य को अर्घ्य दिया। पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास घाट पर भी महिलाओं ने पूजन किया। झूलेलाल घाट, कुड़िया घाट, महानगर मवैया समेत रेलवे कालोनियों में भी पूजन हुआ। आदिलनगर में रंजना सिंह व एलडीए कालोनी में सुनीता राय ने भी पूजन किया।
Author: samachar
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