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23 February 2025 10:27 am

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शैक्षिक संगोष्ठी एवं शिक्षक सम्मान समारोह चित्रकूट में 1 एवं 2 जनवरी, 2023 को ; पत्रिका ‘शैक्षिक संवाद’ का होगा लोकार्पण

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

अतर्रा (बांदा)। गत दिवस शैक्षिक संवाद मंच की एक महत्वपूर्ण बैठक आनलाइन माध्यम से सम्पन्न हुई जिसमें सर्वसम्मति से शैक्षिक संगोष्ठी एवं शिक्षक सम्मान समारोह की तिथियां तय की गयीं। समारोह आगामी वर्ष के 1 एवं 2 जनवरी, 2023 को चित्रकूट में आयोजन किया जायेगा। निर्णय लिया गया कि एक सौ शिक्षकों का सम्मान किया जायेगा और छमाही पत्रिका ‘शैक्षिक संवाद’ का लोकार्पण भी सम्पन्न होगा।

उक्त जानकारी देते हुए शैक्षिक संवाद मंच के संस्थापक प्रमोद दीक्षित मलय ने बताया शिक्षा की बेहतरी के लिए काम कर रहे शैक्षिक संवाद मंच का वैचारिक दर्शन है कि विद्यालय आनंदघर बनें। विद्यालयीय परिवेश को भयमुक्त एवं बालमैत्री पूर्ण बनाकार विद्यालयों को आनंदघर के रूप में बदलाव के लिए कटिबद्ध शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ मिलकर 1 एवं 2 जनवरी, 2023 को चित्रकूट में शैक्षिक संगोष्ठी एवं शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया जायेगा।

दो दिनों में उद्घाटन एवं समापन सत्र के अतिरिक्त संवाद, कवि सम्मेलन, अनुभव कथन, सम्मान पत्र समर्पण एवं मुक्त सत्र सहित कुल आठ सत्र होंगे, जिसमें जिसमें प्रत्येक प्रतिभागी की सहभागिता रहेगी। उत्तर प्रदेश से 100 से अधिक स्वप्रेरित नवाचारी शिक्षक-शिक्षिकाओं का चयन किया जायेगा जो संवाद मंच से जुड़कर अपने विद्यालयों को आनंदघर बना रहे हैं।

इसी अवसर पर मंच द्वारा प्रकाश्य छमाही पत्रिका ‘शैक्षिक संवाद’ के प्रवेशांक का लोकार्पण होगा। इसके अतिरिक्त संस्मरण लेखों का साझा संग्रह ‘स्मृतियों की धूप-छांव’ तथा क्रांतिकारियों की जीवनीपरक लेखों पर आधारित पुस्तक ‘राष्ट्र साधना के पथिक’ का विमोचन भी किया जायेगा।

मंच से जुड़ी शिक्षिका सीमा मिश्रा (फतेहपुर) के एकल काव्य संग्रह का लोकार्पण भी अतिथियों द्वारा किया जायेगा। आज की बैठक में 17 प्रमुख सदस्यों की सहभागिता रही जिसमें दुर्गेश्वर राय (गोरखपुर), डॉ. कुमुद सिंह एवं कमलेश कुमार पांडेय (वाराणसी), शिवाली जायसवाल (मेरठ), संतोष कुशवाहा (गाजीपुर), मोनिका सिंह (बिजनौर), प्रमोद दीक्षित मलय एवं रामकिशोर पांडेय (बांदा), राजबहादुर यादव (जौनपुर), आराधना शुक्ला, फरहत माबूद एवं सत्यप्रकाश (प्रयागराज), अर्चना वर्मा (गौतमबुद्ध नगर), अनीता मिश्रा (बलरामपुर), माधुरी त्रिपाठी एवं श्रुति त्रिपाठी (बस्ती) तथा रुखसाना बानो (मिर्जापुर) ने सहभागिता कर अपने विचार प्रस्तुत किये।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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