राकेश तिवारी की रिपोर्ट
देवरिया। सरयू नदी का जलस्तर वर्ष-1998 में जब हाई फ्लो लेवल से ऊपर प्रवाहित होने लगा तब बरहज क्षेत्र में तबाही मच गई थी। बरहज नगर के प्रमुख मार्गों व सभी वार्डों की सड़कों पर नावें चली। मुख्य चौक व सब्जी मंडी नदी की मुख्य धारा में तब्दील हो गया था। इस बार भी नदी का जलस्तर हाई फ्लो लेवल को पार कर गया है। नदी का जलस्तर वर्ष 1998 के लेवल से सिर्फ सात सेमी नीचे है। ऐसे में लोगों की ऑखों के सामने 1998 में आई प्रलयंकारी बाढ़ के विभीषिका का मंजर मंडराने लगा है।
बरहज में हर वर्ष आने वाली बाढ़ के अतीत में छिपी है वर्ष-1998 की प्रलयंकारी बाढ़। उस समय नदी का जलस्तर हाई फ्लो लेवल 68 मीटर 62 सेमी पर प्रवाहित हो रहा था। उस समय नदी से मचाई गई तांडव को याद कर लोग आज भी सिहर उठते हैं। बाढ़ की विभीषिका का दर्द आज भी अमर शहीद विश्वनाथ मिश्र के पैतृक गांव कुर्ह परसिया के लोगों के जेहन में है।
घनी आबादी वाले कुर्ह परसिया गांव के दर्जनों घर नदी में विलीन हो गए थे। जो कुछ घर बचे थे उसे गांव के लोग आंखों में खून के आंसू लेकर तोड़ते गए। आशियानों को उजाड़ने के बाद ईंट, सरिया, खिड़की, दरवाजे समेत अन्य घरेलू सामान लेकर गांव छोड़ पलायन कर गए। कुछ बाढ़ विस्थापितों को प्रशासन ने जमीन देकर बसा दिया और कुछ लोग बेघर हो गए।
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बरहज तहसील परिसर में बाढ़ का पानी घुसने चहारदीवारी गिर गई है। उधर जयनगर स्थित बिजली घर में भी पानी घुसने से नगर सहित ग्रामीण हिस्सों की विद्युत आपूर्ति ठप है। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जिला प्रशासन की तरफ से राहत व बचाव का काम जारी है।
बाढ़ में फंसे लोगों का हाल जानने के लिए पहुंचे जनप्रतिनिधि।
देवरिया जिला के बरहज क्षेत्र में बाढ़ में फंसे लोगों का हाल जानने के लिए पहुंचे जनप्रतिनिधि सांसद और विधायक, बरहज के विधायक दीपक मिश्रा उर्फ, शाका बाबा ने कहा कि बाढ़ में फंसे लोगों के लिए भोजन और नाव की व्यवस्था की गई है।
पैना में रघुनाथ सिंह इंटर कालेज परिसर में बाढ़ का पानी घुस गया है। पैना- सतराव मार्ग, डुमरिया देउबारी से सतराव मार्ग, सिसई गुलाबराय से कोटवा बरहज सड़क मार्ग, बरेजी से बरठा मार्ग से आवागमन ठप है। सीओ कार्यालय, पूर्ति निरीक्षक कार्यालय, एसडीएम आवास पानी की जद में है।
बरहज विधायक ने कहा कि कल मैंने सैकड़ों कुंतल खाद्यान्न जनता को बांटे हैं और निरंतर जनता की सेवा में लगा हुआ हूं ।
जनता के बीच पहुंचे सांसद कमलेश पासवान ने कहा कि इस संकट की घड़ी में जनता को घबराने की जरूरत नहीं है। जनता को धैर्य बनाए रखना है और निरंतर बाढ़ के क्षेत्र में हम लगे हुए हैं कि जनता को किसी भी प्रकार का खाने, दवा की व्यवस्था और पशुओं को चारे की कोई समस्या ना हो ।
शनिवार को सरयू नदी 1998 के जलस्तर 68.62 मीटर पर है। बाढ़ को लेकर और भय व्याप्त है। कपरवार के उत्तर, लबकनी, खोरी के तरफ बाढ़ का पानी बह रहा है। रामजानकी मार्ग पर भड़सरा के सामने, मेहियवा के सामने रिसाव होने पर पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी बोरियों में मिट्टी भरकर रिसाव बंद किया गया।
जनता का कहना है कि आज हमारे बीच सांसद और विधायक आए थे और सिर्फ हमें आश्वासन मिला है। अभी तक हम लोगों को खाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं हुआ है सिर्फ गांव में एक नाव मिला है।
परसिया देवार में स्थिति पूर्व की भांति बनी हुई है। कपरवार पंचायत भवन में बाढ़ का पानी घुसने से नौकाटोला के लोग भयभीत हैं। तहसील प्रशासन दूसरे दिन भी भदिला प्रथम गांव में बाढ़ राहत सामग्री वितरित किया।
पिछले एक सप्ताह से राप्ती और गोर्रा नदी का जलस्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों नदियां लाल निशान पार करने के बाद उच्चतम स्तर की तरफ बढ़ रही हैं। अगर 48 घंटे के अंदर जलस्तर में कमी नहीं आई तो रुद्रपुर में भी 1998 की तरह तबाही आ सकती है। अगर जलस्तर ऐसे बढ़ता रहा तो राप्ती नदी पर निर्मित सात तटबंध 49.145 किमी, गोर्रा पर छह तटबंध 39.525 किमी और बथुआ नाले पर पर बने नौ किमी तटबंध पर खतरा बढ़ता जा रहा है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."