राकेश तिवारी की रिपोर्ट
देवरिया। उत्तर प्रदेश में बाढ़ की कहर से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। सैकड़ों गांव बाढ की वजह से टापू में तबदील हो गए हैं। देवरिया जिले में भी बाढ़ के रौद्र रूप से सैकड़ों गांव प्रभावित हुए हैं। लोग अपना घर छोड़ कर पलायन हो रहे हैं। सरयू नदी में अचानक हाई फ्लड आने से कई गांव जल मग्न हो गए। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित भागलपुर ब्लाक अंतर्गत गांव बरेजी, अकुबा, मईल, बकुची, अंडिला, गहिला, सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। गांवों में पानी भर गया लोग घरों की छतों पर रहने पर मजबूर हैं। मईल चौराहे पर रात में अचानक बाढ़ का पानी आने से पी एन बी बैंक में पानी घुस गया। देवरिया जिले में कई जगह बांध टूटने की वजह से अभी लगातार पानी बढ़ता ही जा रहा है। लोग बिना सोए रात काट रहे हैं ।
बरहज थाना क्षेत्र के नवापार स्थित रेलवे लाइन पुल से बाढ़ के पानी में कूदकर कुछ बच्चे स्नान कर रहे थे। इस दौरान नवापार निवासी आर्यन (9 वर्ष) पुत्र राजीव यादव व उसका चचेरा भाई अभि यादव (10) पुत्र रामहित एक साथ गहरे पानी में डूबने लगे। मौके साथ में स्नान कर रहे चार अन्य बच्चों ने दोनों को पानी से बाहर निकाल घर वालों को सूचना दी।
उफान पर आई सरयू नदी के दबाव से शुक्रवार को परसिया देवार का मुख्य बंधा टूट गया। परसिया देवार गांव स्थित दसरसरिया टोला के पश्चिम बाबू साहब के पोखरे के पास करीब 30 से 40 मीटर लम्बाई में बंधा टूटा है।
200 घरों में पानी घुसा
बंधा टूटने से दसरसरिया टोला, भर टोला, चौधरी टोला, बाबू लोग का टोला, कमकर टोला, नकीहवा टोला, छोटा भर टोला के करीब 200 घरों में पानी घुस गया है। यह बंधा नदी पार कर दियारा में पहुंचने पर करीब 500 मीटर आगे मिलता है। जो सूरजपुर जाता है। यह बंधा पूरे गांव की रक्षा करता है। इस बंधे पर करीब दो किमी तक बाढ़ का पानी ओवरफ्लो हो रहा है। बंधा टूटने से पंचायत भवन में घुटने भर पानी लगा है। प्रभावित घरों के लोग अपने छत की शरण लिए हैं। कुछ लोग दूसरे के घरों का सहारा लिए हैं। जल भराव के चलते बंधा पर शरण लेने की जगह नहीं है।
काफी पुराने समय से बने इस बंधे पर पीडब्ल्यूड़ी ने पिच किया था। गांव के पांच पीडब्ल्यूडी की सड़क का सम्पर्क मार्ग जलमग्न है। बाबू साहब टोला निवासी बलवंत सिंह समेत अन्य ग्रामीणों ने प्रभावित टोलों पर छोटी नाव लगाने की मांग की है। गौरतलब है कि गांव में कुल 26 टोले है। 16 टोले पानी से घिरे हैं। इसके पहले दसरसरिया व भर टोला मैरुण्ड था।
राप्ती और गोर्रा बढ़ाव पर, बथुआ के पानी में डूबा मन्दिर और धर्मशाला
राप्ती और गोर्रा का जलस्तर खतरे के निशान ऊपर प्रवाहित होने के साथ ही लगातार बढ़ाव पर है। बथुआ नदी के पानी में रुद्रपुर नगर के पक्का घाट पर शिव मन्दिर और धर्मशाला डूब गए हैं। राप्ती नदी के दबाव से बथुआ नदी में उल्टा धारा प्रवाहित होने लगी है।
नाला का जलस्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है। रुद्रपुर नगर के पास मझना नाला आकर बथुआ में मिलता है। जहां से मझना का अस्तित्व समाप्त हो जाता है। फिर देवरिया की ओर से आ रहा कुर्ना नाला सरयां गांव के पास बथुआ में मिल जाता है। जहां से कुर्ना का भी अस्तित्व समाप्त हो जाता है। कुर्ना और मझना को समेटते हुए बथुआ नदी मदनपुर गोला और गायघाट गांव के पास राप्ती की धारा में मिल जाती है। जहां से बथुआ का भी अस्तित्व समाप्त हो जाता है। अब स्थित यह है कि राप्ती का जलस्तर ऊपर होने के कारण बथुआ नदी में उल्टा पानी बहना शुरू हो गया है। उधर गोर्रा का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण पिड़रा घाट पुल के दोनों एप्रोच पर खतरा बढ़जा जा रहा है।
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करीब तीन सप्ताह से पिड़रा पुल पर आवागमन बन्द होने के कारण लोगों की दुश्वारियां बढ़ती जा रही है। सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को हो रही है। उदय एकेडमी के प्रबन्धक डीएन सिंह ने बताया कि पिड़रा पुल पर आवागमन बन्द हो जाने के कारण बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दोआबा के पचलड़ी, रतनपुर, पलिया, सुल्तानी, बेलवा दुबौली, भगवान माझा, लालपुर परसिया, विशुनपुर बगही, हौली बलिया, तिघरा खैरवा आदि गांवों के बच्चे रुद्रपुर पढ़ने आते हैं। उन बच्चों को लेने के लिए नरायनपुर के रास्ते एक बस को पचलड़ी में खड़ा किया गया है। वह बस दोआबा के बच्चों को पचलड़ी लाती है। जहां से शिक्षक उन्हें पैदल लेकर पिड़रा आते हैं। जहां से दूसरी बस में बैठाकर रुद्रपुर लाया जा रहा है। पढ़ाई के बाद इसी तरह से उन्हें घर पहुंचाया जा रहा है।
महेन के पास राप्ती नदी का पानी ओवरफ्लो
बरहज में सरयू नदी रामजानकी मार्ग पर एक फीट ऊपर बह रही है। वहीं बरहज क्षेत्र के केवटलिया-महेन तटबंध के आखिरी सिरे पर स्थित महेन गांव के संपर्क मार्ग से राप्ती नदी का पानी ओवरफ्लो करने लगा। जिसे देख आसपास के गांवों में दहशत फैल गई है। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई है।
इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रही तटबंध टूटने की खबर
इंटरनेट मीडिया पर केवटलिया-महेन तटबंध टूटने की सूचना वायरल हो रही थी। जिसकी वज़ह से दूर दराज के गांव के लोग मौके पर पहुंचने लगे। बांध टूटने की अफवाह से आसपास के ग्रामीण भी दहशत में आ गए।
क्या कहते हैं अधिकारी
डीएम देवरिया जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सभी लोग सुरक्षित हैं। जल स्तर बढ़ने पर तटबंध से महेन गांव को जोड़ने वाली सड़क के ऊपर से पानी बहने लगा है। जिससे खड़ंजा क्षतिग्रस्त हो गई है। पानी का बहाव रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."