दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
इटावा। सिविल लाइन इलाके के चंद्रपुरा गांव में बुधवार से हो रही मूसलाधार बारिश काल बन गई। देर रात करीब तीन बजे बारिश के चलते एक घर की कच्ची दीवार गिरने से टीनशेड के नीचे सो रहे चार अनाथ मासूम भाई-बहनों की दबकर मौत हो गई। हादसे में एक भाई और बुजुर्ग दादी बाल-बाल बच गई। चीख पुकार सुनकर गांव वाले बरसते पानी में मदद को दौड़ पड़े। सूचना पर फट से पहुंचे पीआरबी 1611 के जवानों ने मलबे में दबे बच्चों को बाहर निकालकर जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने चार बच्चों को मृत घोषित कर दिया।
अनाथ बच्चों का लालन-पालन कर रही थी बूढी दादी
चंद्रपुरा गांव में रहने वाले स्वर्गीय कल्लू यादव और उनकी पत्नी की मौत हो चुकी थी। दंपति के पांच बच्चे थे। 10 साल का सिंकू, 9 साल का अभी, 6 साल का मोटे, 5 साल का कल्लू और तीन साल की आरती उर्फ बिट्टी है। सभी की देखरेख बूढी दादी चांदनी देवी के हवाले थी।
परिवार के पास रहने को अपनी छत तक न थी। किसी तरह गुजर-बसर चल रहा था। पूरा परिवार गांव के सुनील कुमार जैन के घर के बाहर पड़े टीन शेड में सोता था। बुधवार को भी सभी बच्चे दादी के साथ टीन शेड के नीचे सो रहे थे। तभी देर रात करीब तीन बजे भारी भरकम कच्ची दीवार भरभरा गई। सभी मलबे में दब गए।
बच्चों की चीख-पुकार सुन गृह स्वामी और आस-पड़ोस के रहने वाले लोग शोर मचाते हुए दौड़ पड़े। मलबे में दबे बच्चों तथा चांदनी देवी को किसी तरह बाहर निकाला। आनन-फानन सूचना 108 एंबुलेंस के साथ 112 नंबर पर पुलिस कंट्रोल रूम को दी गई।
तुरंत पहुंच गई पीआरवी 1611
त्वरित कार्रवाई करते हुए सिविल लाइन थाने की 1611 पीआरबी टीम भी मौके पर आ गई। गांव वालों के साथ मलबे में दबे बच्चों को निकालकर जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने सिंकू, अभी, कल्लू और आरती को मृत घोषित कर दिया जबकि मोटे व 70 वर्षीय चांदनी देवी भर्ती कर लिया। सिविल लाइन थाना पुलिस के साथ अस्पताल पहुंचे एसपी सिटी कपिल देव बल ने गांव वालों से घटना की जानकारी ली और घायल नाती के साथ भर्ती चांदनी का हाल चाल पूछा।
Author: samachar
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