राकेश भावसार की रिपोर्ट
नासिक। मुंबई-आगरा हाईवे पर बड़े-बड़े गड्ढे होने से जहां वाहन नासिक-मुंबई की दूरी तय करने में दोगुना समय ले रहे हैं, वहीं मुंबई से नासिक तक कसारा घाट रोड में बड़ी दरारें आ गई हैं।
इससे सड़क पर करीब 200 फीट की दूरी पर एक फुट की दरारें आ गई हैं। हाईवे अथॉरिटी ने खतरे से बचने के लिए अस्थाई बैरिकेड्स लगा रखे हैं।
इससे इस हाईवे पर सफर करने वाले चालकों का सिरदर्द बढ़ जाएगा।
इस मानसून के दौरान मुंबई-आगरा हाईवे पर नासिक से मुंबई तक की सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। हाइवे अथॉरिटी ने अगस्त में पेव्हर ब्लॉक बिछाकर इन गड्ढों को भरने का प्रयास किया था।
हालांकि इसके अलावा उसके बाद भी लगातार हो रही बारिश से पेव्हर ब्लॉक के आसपास और भी बड़े गड्ढे बन गए हैं। इसलिए ये पेव्हर ब्लॉक यातायात के लिए एक बड़ी बाधा बन गए। 200 किमी मुंबई-नासिक की दूरी में कोई सड़क नहीं बची है और मोटर चालकों को सचमुच गड्ढों से गुजरना पड़ता है। इतनी लंबी दूरी तक गड्ढों से गुजरते हुए वाहनों का नुकसान हो जाता हैं, दुर्घटनाएं होती हैं, वाहन गड्ढों में फंस जाते हैं आदि लगातार हो रहे हैं। इससे वाहनों को नासिक से मुंबई तक का सफर छह से सात घंटे में लग जाता है।
इससे जाम भी लग रहा है। विपक्ष के नेता अजीत पवार ने हाल ही में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर हाईवे पर बने गड्ढों की मरम्मत के लिए पत्र लिखा है. वहीं, मुंबई से नासिक के रास्ते में 200 फीट की दूरी पर कसारा घाट में बड़ी दरारें आ गई हैं। इन दरारों के कारण सड़क एक फुट से ज्यादा चौड़ी हो गई है।
इन दरारों में वाहनों के फंसने का खतरा होने के कारण हाईवे अथॉरिटी ने बैरिकेड्स लगाकर यातायात को डायवर्ट कर दिया है. इससे कसारा घाट पर ट्रैफिक की रफ्तार और धीमी हो जाएगी।
मुंबई नासिक राजमार्ग पर पुराने कसारा घाट में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमाक 3 का मुख्य राजमार्ग सचमुच दरारे गिर गई है और घाट में यह सड़क ढहने के कगार पर है। दो साल पहले भी यही सड़क पूरी तरह से पक्की हुई थी। अब भी यही स्थिति पैदा हो गई है और यात्रियों की जान खतरे में है। अब यात्री सोच रहे हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और टोल प्रशासन दो साल से क्या कर रहा है।
तीन साल पहले भी
मुंबई-आगरा हाईवे पर कसारा घाट पर तीन साल पहले इस जगह पर सड़क को दरारें पड़ गई थी। कसारा घाट की सड़क संवेदनशील है। हालांकि, राजमार्ग प्राधिकरण के काम की गुणवत्ता चर्चा में आ गई है क्योंकि सड़क पर तीन साल में फिर से दरारे आ गई है।
सप्ताह भर करेंगे निरीक्षण
फिलहाल कसारा घाट में 200 फुट से अधिक क्षेत्र में नाकाबंदी कर बैरिकेडिंग कर दी गई है और एक सप्ताह तक इसकी निगरानी की जाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक भाऊसाहेब सालुंके ने बताया कि बारिश के बाद सड़क की मरम्मत कराई जाएगी।
Author: samachar
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