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November 2, 2024 3:55 am

प्रेमी और उसके भाई ने मिलकर किया दुष्कर्म और फिर कर दी ऐसी हरकत…. पढ़िए इस खबर को

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

बागपत,  बागपत में एक युवती के साथ प्रेमी और उसके भाई ने दुष्कर्म किया। निकाह करने के बजाए प्रेमी ने अपने स्वजन के साथ मिलकर मारपीट की तथा अपने मकान से धक्के देकर बाहर निकाला। पीड़िता ने प्रेमी समेत चार नामजद व अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

ऐसे हुई थी दोस्‍ती

खेकड़ा थाना क्षेत्र की एक युवती ने बताया कि उनकी आकिब के साथ दोस्ती हो गई थी। आकिब उनसे निकाह करना चाहता था। कुछ दिन पूर्व आकिब ने अवगत कराया कि स्वजन उसका किसी अन्य युवती से निकाह करना चाहते है, इसलिए अपने पिता को घर भेज दो, ताकि निकाह की बात कर ले।

इस संबंध में आकिब को बताया कि उनके स्वजन इसके लिए राजी नहीं होगे। नौ अगस्त 2022 को आकिब निकाह करने का भरोसा देकर उन्हें अपने घर ले गया, जहां पर आकिब की माता, पिता और भाई उनके साथ गाली-गलौज कर धक्का देकर मकान से निकाले लगे। आकिब से आग्रह किया कि वह अब कहां जाएंगी, स्वजन घर में नहीं रखेंगे।

आकिब ने कोई बात नहीं हुई। डायल-112 पर काल करके पुलिस को बुलाया, तब आकिब घर से भाग गया। पुलिस उनको और आकिब के भाई आदिल को चौकी पर ले गई। आकिब शाम सात बजे चौकी पर पहुंचा और माफी मांगकर उन्हें अपने घर ले गया। आरोप है कि उसी रात आकिब ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाएं।

आकिब के स्वजन लगातार घर से निकलने का दबाव बनाते रहे। अगले दिन आकिब के भाई आसिफ ने तमंचा गले पर रखकर दुष्कर्म किया। जानकारी करने के बाद भी आकिब ने उनका साथ नहीं दिया। 12 अगस्त को निकाह का आग्रह करने पर मारपीट कर घर से निकाल दिया। चौकी पुलिस ने सुनवाई नहीं की, बल्कि उनके भाई और पिता को चौकी पर बुलाकर लाएं और उनको घर छोड़ आए।

पुलिस दर्ज कर लिया है केस

22 अगस्त की रात आसिफ ने मास्क पहने युवकों को साथ लेकर धमकी दी कि अपने घर बैठ जाओ, नहीं तो तेरा परिवार खत्म कर देंगे। उन्होंने थाना पुलिस से अपने परिवार की सुरक्षा और आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। थाना के एसआइ विपुल कुमार ने कहा कि मामले में आरोपित आकिब व उसके भाई आसिफ, पिता असगर, माता और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। केस की विवेचना के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."