शबनम जावेद की रिपोर्ट
इंदौर। ये कहानी 13 साल की लड़की की है। इसकी शुरुआत 4 माह पहले हुई। एक युवक से बातचीत के बाद मामला ब्लैकमेलिंग और धर्म बदलकर शादी का दबाव बनाने तक पहुंच गया। डिप्रेशन से घिरी आठवीं की छात्रा ने एक दिन मां को पूरा मामला बता दिया। इसके बाद बात हिंदूवादी संगठन और पुलिस तक पहुंच गई।
छात्रा ने पुलिस को बताया कि वो दवा लेने मेडिकल स्टोर पर गई थी। यहां उसे एक युवक मिला। उसने अपना नाम दानिश बतायार और खुद को हिंदू बताया। युवक ने मदद के बहाने से उससे बात की। उसे बातों में उलझाया और उसका मोबाइल नंबर ले लिया। लड़की दवा लेकर अपने घर आ गई। कुछ समय बाद दानिश का फोन आया। लड़की ने पहले इग्नोर किया। कुछ दिनों बाद दोनों के बीच बातें होने लगी। छात्रा ने कहा, पहले कुछ समझ नहीं पाई।
एक दिन दानिश ने उसे मिलने बुलाया, वह चली गई। इस दौरान आरोपी ने उनके साथ में फोटोज खींच लिए। दानिश उसके साथ गंदी हरकतें करने की कोशिश की। इसके कुछ दिन बाद उसने छात्रा को बताया कि वह हिंदू नहीं है और उससे शादी करना चाहता है। लेकिन इसके लिए छात्रा को अपना धर्म बदलना होगा। छात्रा नहीं मानी तो वह फोटो एडिट करके वायरल करने की धमकी देने लगा। दानिश ने छात्रा का नाम रूही रख दिया। अब वह छात्रा को रूही नाम से ही बुलाने लगा। युवक ने गुरुवार को भी उसे मिलने बुलाया। छात्रा अपने परिवार के साथ उससे मिलने पहुंच गई। इसके बाद हिंदू संगठन के लोग युवक को पकड़कर थाने ले गए। आरोपी को पुलिस ने गुरुवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
पुलिस ने छात्रा की शिकायत के बाद परबूढ़ी बरलई निवासी दानिश पुत्र सलमान मंसूरी (19 साल) के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपी पर लव जिहाद, छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया है। दानिश अभी स्टूडेंट है।
गैर जमानती अपराध है लव जिहाद
MP में लव जिहाद के मामले में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 के अंतर्गत 10 साल की सजा हो सकती है। इनमें अपना नाम बदलकर, धर्म छिपाकर, छद्म तरीके से वेश बदलकर, गुमराह करके शादी करने और उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव डालने के मामले आते हैं। किसी को बहलाकर-फुसलाकर, धमकी देकर जबरदस्ती धर्मांतरण और शादी करने पर सजा का प्रावधान है। इसमें लव जिहाद में सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपी बनाने का प्रावधान है। उन्हें अपराधी मानते हुए मुख्य आरोपी की तरह ही सजा होगी।
MP में यह भी कहता है अधिनियम
धर्मांतरण और धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह के 2 महीने पहले डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को धर्मांतरण और विवाह करने और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन देना होगा।
बिना आवेदन दिए धर्मांतरण करवाने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी को भी 5 साल तक की सजा दी जा सकेगी।
धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत पीड़ित, माता-पिता, परिजन द्वारा की जा सकती है।
अपने धर्म में वापसी करने पर इसे धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."