कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ, शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से बरसात में टपकती छत के नीचे पाठशाला लग रही है। शिक्षा के माडल के दावे जमीन पर खोखले नजर आ रहे हैं। जर्जर भवन में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। लेकिन इसके जिम्मदार अधिकारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
बीकेटी विकास खंड के कंपोजिट विद्यालय कठवारा में कक्षा छह से आठ तक की पढ़ाई के लिए वन विभाग द्वारा वर्ष 1995 में भवन निर्माण कराया गया था। भवन निर्माण की गुणवत्ता सही न होने की वजह से बरसात में विद्यालय की छत टपकने लगती है। लेकिन विभाग के अधिकारियों ने कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया। देर रात से सुबह तक तेज बरसात होने से उच्च प्राथमिक विद्यालय के भवन की छत से आकर पानी फर्श में भर गया।
सुबह विद्यालय खुलने पर शिक्षकों द्वारा जिन तीन कक्षाओं की फर्श में पानी था उसे साफ कराया गया। छत से पानी टपकना बंद नहीं हुआ। टपकती छत के नीचे फर्श पर पाठशाला लगानी पड़ी। विद्यालय की प्रधानाचार्य पूनम शुक्ला ने बताया विद्यालय की जिस इमारत में छत से पानी टपकता है उस संबंध में उन्होंने अपने विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया है। विद्यालय परिसर में जलनिकास की व्यवस्था न होने से बरसात में जलभराव हो जाता है।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."