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November 3, 2024 1:12 am

‘अच्छा होता अगर पार्टी से निकाल देते’ चाचा के जले पर नमक छिड़कते हुए भतीजे ने कहा, ये बीजेपी की साज़िश है ‘

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ज़ीशान मेहदी की रिपोर्ट 

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की तरफ से बीते शनिवार को चाचा शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र करने की घोषणा के बाद से बयानबाजी का दौर जारी है। सपा की ओर से लिखे पत्र को लेकर शिवपाल ने मंगलवार को एक बार फिर भतीजे पर सीधा हमला किया है। 

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष और समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव ने सपा के पत्र के जवाब में कहा कि ऐसे बयान अपरिपक्वता का प्रमाण देते हैं। शिवपाल यादव ने कहा कि हम तो पहले से ही स्वतंत्र हैं। हमें मीडिया से पता चला कि फिर से आजादी दी गई है। अच्छा होता कि मुझे समाजवादी पार्टी और विधानमंडल दल से निकाल देते।

शिवपाल ने कहा कि मुझे आजादी देकर अखिलेश यादव ने एक बाद फिर राजनीतिक अपरिपक्वता का प्रमाण दिया है। परिपक्व होते तो हमें पार्टी से निकालते। जब मीटिंग में नहीं बुलाएंगे, कोई जानकारी नहीं देंगे तो कम से कम पार्टी से ही निकाल देते। शिवपाल ने कहा कि हमारी पार्टी कहां थी और कहां पहुंच गई है। अगर अखिलेश में परिपक्वता होती तो आज हमारी सरकार होती और अखिलेश मुख्यमंत्री होते।

दरअसल, शिवपाल सिंह यादव ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर सम्मान न देने का आरोप लगाया था। अब सपा ने चाचा को पत्र लिखकर जवाब दिया है। शिवपाल को भेजे पत्र में सपा ने कहा कि ‘माननीय शिवपाल सिंह यादव जी, अगर आपको लगता है, कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं।’

शिवपाल ने भी सपा का पत्र मिलने के बाद इसका जवाब दिया था कि ‘मैं वैसे तो सदैव से ही स्वतंत्र था, लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा पत्र जारी कर मुझे औपचारिक स्वतंत्रता देने के लिए सहृदय धन्यवाद। राजनीतिक यात्रा में सिद्धांतों व सम्मान से समझौता अस्वीकार्य है…।’

अखिलेश यादव ने भी दिया जवाब : शिवपाल ने भतीजे पर सीधा हमला किया तो अखिलेश यादव ने भी पलटवार किया। अखिलेश ने शिवपाल के आरोपों को बीजेपी की साजिश करार दिया। अखिलेश ने कहा कि विपक्ष उनसे कोई सवाल न पूछ सके इसलिए यह सब हो रहा है। बीजेपी विपक्षी दलों के नेताओं को आगे कर रही है। अखिलेश ने कहा कि वह बीजेपी से सवाल नहीं पूछ पाए। बीजेपी उनके नेताओं को आगे कर सवालों से भाग रही है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."