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November 22, 2024 9:26 pm

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रुठे बदरा के कारण धान के बिचड़े सूख रहे हैं तो पशुओं को आहार की घोर समस्या आन पड़ी है

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संवाददाता- विवेक चौबे

गढ़वा : पलामू प्रमंडल के तीन जिले गढ़वा, पलामू व लातेहार में सुखाड़ की समस्या उतपन्न हो गई है। बारिश नहीं होने के कारण किसान हताश व निराश हैं। धान का बिचड़ा सूख रहा है। पशुओं को भी चारा उपलब्ध नहीं हो रहा।

इन सभी समस्याओं को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के उक्त तीनों जिले की टीम आयुक्त से मिलने पहुंचे। आयुक्त की अनुपस्थिति में डीडीसी मेघा भारद्वाज को राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष श्यामलाल यादव के नेतृत्व में उक्त तीनों जिले की टीम ने एक मांगपत्र सौंपा।

मांगपत्र में लिखा है कि 1966-67 में विश्व का क्रूरतम अकाल पलामू प्रमंडल में ही पड़ा था। तब पलामू की चर्चा पूरी दुनिया में फैली थी। हर एक-दो साल के अंतराल में उक्त प्रमंडल में सुखा/अकाल अपना विकराल रूप धारण कर ही लेती है।

पलामू में बहुत खनिज व वनसम्पदा है, लेकिन गरीबी रेखा के नीचे पलामू के आदिवासी, हरिजन अल्पसंख्यक व पिछड़ी जाति के लोग पशुवत जीते-मरते हैं। विकास के झूठे सरकारी आंकड़े फाइलों में गरज रहे हैं। कहीं से कोई राहत नहीं। यह इलाका सामंतों का गढ़ रहा है। सन 1926 में हर गांव में औसत 5 भूस्वामियों का कब्जा हुआ करता था। झारखण्ड पार्टी के वरिष्ठ नेता एन.ई.होरो के शब्दों में पलामू में अच्छा खेत, अच्छी फसल, अच्छे पशु व अच्छी औरत सामंतों की भेंट तुरंत चढ़ जाती है। आज की तारीख में नव-धनाढ्य सामंत किसी भी जाति व समुदाय के हो सकते हैं। अकूत खनिज, प्रचुर वन संपदा व अपूर्व प्राकृतिक सौंदर्य से सर्वाधिक सम्पन्न पलामू के लोग सदियों से सर्वाधिक विपन्न रहे हैं।

भ्रष्टाचार बलात्कार हिंसा, हत्या, आत्महत्या, अन्याय, असुरक्षा, अशिक्षा, अंधविश्वास, ऋणग्रस्तता, सूदखोरी, भूमिखोरी, भुखमरी, अपहरण व आतंक आज भी व्याप्त है। वर्ष 2022 का सूखा/अकाल का विशेष आकलन करने की आवश्यकता है। साथ ही पंचायत स्तर पर राहत कार्य गांव की कमिटी के निगरानी में कराए जाने की आवश्यकता है। चूंकि अकाल सुखाड़ की स्थिति में बिचौलिए सरकारी संरक्षण में माला-माल होते देखे गए हैं। किसी भी व्यक्ति के लिए एक अग्नि परीक्षा है यह प्रमंडल।

पलामू को अविलंब सूखा/अकाल क्षेत्र घोषित कराया जाए। पशुओं के लिए अलग से चारा पानी की व्यवस्था कराई जाए। विशेष निगरानी में पंचायत स्तर पर राहत कार्य चलाए जाएं। दिहाड़ी मजदूर, दैनिक मजदूर, जिन्हें काम नहीं मिला हो उन्हें निःशुल्क भोजन की व्यवस्था कराई जाए।

मांगपत्र सौंपने वालों में- छतरपुर के पूर्व प्रत्याशी विजय राम, धनंजय पासवान, गिरिजानन्द सिंह, विश्वनाथ राम, युवा समाजसेवी विनीत कुमार, संजय यादव, विजय रविदास, रफीक अंसारी, अरुण कुमार चंद्रवंशी, नंदकिशोर राम सहित अन्य का भी नाम शामिल है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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