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November 2, 2024 11:00 am

बुरे फंसे गहलोत; अपने ही बयान के लपेटे में घिर गए, खबर हंसाएगी भी और समझाएगी भी 

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सुरेन्द्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट 

नई दिल्ली। जरा हमारे द्वारा पूछे गए सवालों का तफसील से जवाब दीजिएगा…राजस्थान में किसकी सरकार है?… बिल्कुल सही कहा आपने…अशोक गहलोत की… पुलिस प्रशासन का जिम्मा किसके कांधों पर आता है?…जी बिल्कुल सही फरमाया आपने… अशोक गहलोत के…राज्य में अगर कोई वारदात होती है, तो इसकी नैतिक जिम्मेदारी किसकी बनेगी? बिल्कुल सही कहते हैं आप…..अशोक गहलोत की और किसी अपराधी के खिलाफ क्या कार्रवाई करनी है, यह किसकी जिम्मेदारी बनती है? बिल्कुल सही कहा आपने, गहलोत सरकार की.. लेकिन CM गहलोत का कन्हैयालाल हत्याकांड प्रकरण में बचकाना बयान पढ़िए। यकीन मानिए, अगर आपको प्रशासनिक प्रणाली की तनिक भी समझ होगी तो आप अपनी हंसी कंट्रोल नहीं कर पाएंगे।

दरअसल, अशोक गहलोत ने कन्हैयालाल प्रकरण में बीजेपी पर सनसनीखेज आरोप लगाया है, जिसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी कन्हैयालाल के हत्यारों को बचाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने कन्हैयालाल के हत्यारों को महज इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि बीजेपी नेताओं का फोन आ गया था, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और अपराधियों को छोड़ दिया, लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि जब पुलिस-प्रशासन से लेकर कानून-व्यवस्था तक की जिम्मेदारी अशोक गहलोत के कांधों पर है। तो भला बीजेपी कौन होती है, किसी को बचाने वाली?

सीएम गहलोत अपने बयान में कहते हैं कि कन्हैयालाल के हत्यारों को पकड़ लिया गया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया, क्योंकि बीजेपी नेताओं का फोन आ गया। वे आगे कहते हैं कि हम कन्हैयालाल के हत्यारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना चाहते हैं, लेकिन बीजेपी दखलअंदाजी कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि कन्हैयालाल के हत्यारे बीजेपी के कार्यकर्ता हैं। खैर, अब यह समझ से परे है कि आखिर गहलोत ने उक्त बयान किस आधार और तर्क पर दिया है, लेकिन उनके बयान पर बीजेपी नेता राजवर्धन ने पलटवार करने में कोई देरी नहीं की है। 

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."