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November 2, 2024 8:53 am

तीन बच्चों की मां को हुआ प्यार, शादी करना चाहती थी और लडके का पढ़िए क्या हुआ इसके चक्कर में अंजाम?

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

कानपुर।  बांदा में शादी से इनकार करने पर महिला ने युवक की पिटाई की। बाद में युवक ने खुदकुशी कर ली। दरअसल, प्रेम प्रसंग के चलते 3 बच्चों की मां युवक पर शादी के लिए दबाव बना रही थी। युवक ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। आधावं गांव के बुद्ध राज के 20 साल के बेटे सतेंद्र सिंह का गांव की अनुसूचित जन जाति की 3बच्चों की मां से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। रविवार की रात महिला के बुलाने पर वह उसके घर गया, वहां महिला से उसका झगड़ा हो गया।

मृतक की बहन ने बताया कि कालू कुआं मोहल्ला निवासी बलबीर सिंह का 36 साल का पुत्र धर्मवीर सिंह मूल रूप से तिंदवारी कस्बे के बेंदाघाट का रहने वाला था लेकिन 2 साल पहले उसने नोएडा में रह रही फुफेरी बहन से कोर्ट मैरिज कर ली थी। दोनों लोग कानपुर में रह रहे थे. भाई रवि करण सिंह ने बताया कि वह कानपुर में वहां गांजे के व्यवसाय के चक्कर में उलझ गया था और डेढ़ महीने पहले कानपुर में पकड़ा गया था। काफी मशक्कत और रुपए खर्च करने के बाद उसको छुड़ाया गया। गांव में एक माह पहले दोनों ने करीब ढाई लाख रुपए में पूरी जमीन बेची थी, जिससे वह बांदा के कालू कुंआ मकान की दूसरी मंजिल का निर्माण करा रहा था।

बहन को बताई जहर खाने की बात

मामले में आरोप लगाया गया कि पत्नी से शराब पीने के लिए पैसे मांगने पर उसका अक्सर विवाद होता था। घटना की सुबह भी घर से लड़ाई की आवाजें सुनाई पड़ रही थीं। बाद में पड़ोसी ने बताया कि उसकी हालत बिगड़ गई और उसे जिला अस्पताल ले गए, जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आशंका जताई जा रही है कि प्रॉपर्टी के चक्कर में उसे जहर खिलाकर मारा गया। वहीं बहन को फोन पर भाई ने बताया था कि मैंने जहर खा लिया है क्योंकि महिला मुझे परेशान कर रही है। यह 3 बच्चों की मां है और मुझसे शादी करना चाहती है। इसी बात से तंग आकर मैंने जहर खा लिया।

परिजन उसे खोजते हुए भभुआ गांव पहुंचे तो वहां उसकी हालत बिगड़ी मिली। आनन-फानन में परिजन ने तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन दुर्भाग्य डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."