कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ, विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बढ़ती आबादी पर चिंता जताते कहा है कि एक ही वर्ग की आबादी बढ़ने से अराजकता होगी। जनसंख्या का असंतुलन नहीं होना चाहिए। सीएम योगी के इस बयान पर नाराजगी व्यक्त करते हुए आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर गर्भनिरोधक का इस्तेमाल मुसलमान ही कर रहे हैं।
एआइएमआइएम प्रमुख व हैदाराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ से सवाल करते हुए कहा कि क्या मुसलमान भारत के मूल निवासी नहीं हैं? यदि हम हकीकत में देखें तो मूल निवासी केवल आदिवासी और द्रविड़ लोग हैं। उन्होंने ट्वीट कर यह भी कहा कि बिना किसी कानून के उत्तर प्रदेश में 2026 से 2030 तक वांछित प्रजनन दर हासिल की जाएगी।
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि उनके अपने ही स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए देश में किसी कानून की जरूरत नहीं है। ज्यादातर गर्भनिरोधक का इस्तेमाल मुसलमान ही कर रहे हैं। 2016 में कुल प्रजनन दर 2.6 थी जो अब 2.3 है। देश का जनसांख्यिकीय लाभांश (डेमोग्राफिक डिविडेंड) सभी देशों से सबसे अच्छा है।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण के प्रभावी प्रयास करते समय हमें इस बात का भी ध्यान देना होगा कि समुदायों के बीच आबादी का संतुलन न बिगड़े। ऐसा न हो कि एक वर्ग विशेष की आबादी तो तेजी से बढ़ जाए और जो यहां के मूल निवासी हैं उनकी आबादी कम हो जाए।
सीएम योगी ने कहा कि जिन देशों की जनसंख्या ज्यादा है, वहां जनसांख्यकीय असंतुलन चिंता का विषय बनता जा रहा है। क्योंकि इससे धार्मिक जनसांख्यकीय पर विपरीत असर पड़ता है। जिसके कारण एक समय के बाद वहां अव्यवस्था, अराजकता जन्म लेने लगती है। ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण के प्रयासों से भी मत, मजहब, वर्ग व सम्प्रदाय पर एक समान रूप से जोड़ा जाना चाहिए।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण के प्रभावी प्रयास करते समय हमें इस बात का भी ध्यान देना होगा कि समुदायों के बीच आबादी का संतुलन न बिगड़े। ऐसा न हो कि एक वर्ग विशेष की आबादी तो तेजी से बढ़ जाए और जो यहां के मूल निवासी हैं उनकी आबादी कम हो जाए।
सीएम योगी ने कहा कि जिन देशों की जनसंख्या ज्यादा है, वहां जनसांख्यकीय असंतुलन चिंता का विषय बनता जा रहा है। क्योंकि इससे धार्मिक जनसांख्यकीय पर विपरीत असर पड़ता है। जिसके कारण एक समय के बाद वहां अव्यवस्था, अराजकता जन्म लेने लगती है। ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण के प्रयासों से भी मत, मजहब, वर्ग व सम्प्रदाय पर एक समान रूप से जोड़ा जाना चाहिए।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."