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22 January 2025 9:14 pm

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पारंपरिक सांस्कृतिक लोक उत्सव ; लोकनृत्य की प्रस्तुति पर जहां दर्शक झूम उठे वहीं लोकसंगीत ने सबको किया मंत्रमुग्ध 

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बृहस्पति पांडेय की रिपोर्ट

वाल्टरगंज (बस्ती)। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा विलुप्त हो रही भारतीय लोक कलाओं के सम्वर्धन हेतु सदर ब्लाक के बन्तला गाँव में लोक कला सांस्कृतिक संस्थान द्वारा कल्चर फंक्शन एवं प्रोडक्शन ग्रांट के तहत पारंपरिक सांस्कृतिक लोक उत्सव एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन व गणेश वंदना से हुआ। सुप्रसिद्ध लोक कलाकार प्रकृति यादव नें अपने टीम के साथ नृत्य किया। कलाकारों उत्कृष्ट नृत्य प्रस्तुत कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। जिसमें पारम्परिक लोकगीत व लोकनृत्य के साथ ही नटुआ, विदेशिया, कोल्दह्की, कजरी, खटिकही, मुसहरी, डोमकच, कजरी, कजरी, ज्वालामुखी अगरही देवी नृत्य, जातीय गीत चैता सहित अनेक लोक विधाओं का प्रदर्शन किया गया।

लोक कलाकार विवेक पांडेय ने संस्कार गीत और नृत्य प्रस्तुत किया। उन्होंने बधैया बाजै आंगने मां, ललन मोरा झूलें पालने मांगाकर लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। सभी कलाकरों की टीम नें लोक कला की सुंदर प्रस्तुतियां दी।

अपना दल एस के जिला अध्यक्ष विवेक चौधरी, प्रगतिशील किसान राममूर्ति मिश्र, पत्रकार अनुराग श्रीवास्तव, ने लोक कलाओं के संरक्षण से जुड़े कलाकारों तथा उत्कृष्ट कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा कर्मचारियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम के संयोजक लवकुश तिवारी ने कार्यक्रम में सम्मिलित हुए अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया।

ये हुए सम्मानित

लोक कलाओं के संरक्षण से जुड़े कलाकारों तथा उत्कृष्ट कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। जिसमें विवेक पाण्डेय, प्रकृति यादव, राम मूर्ति मिश्र, अनुराग श्रीवास्तव, विशाल पाण्डेय, संगम लता, काजल, नंदनी, साक्षी मिश्र, सुजीत कुमार, अमित, दिनेश, दिलीप शर्मा, पंकज, बबिता गौतम,अतुल दूबे, राधेश्याम चौधरी, को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया ।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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