दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बलरामपुर। नगर के अचलापुर वार्ड स्थित दो निजी स्कूलों के पास खाली भूमि पर सफाईकर्मी नियमित रूप से कूड़े के ढेर में आग लगा रहे हैं। इससे बच्चों में बीमारियां बढ़ने लगी हैं। कूड़े की आग से निकलने वाली गैस से बच्चों को खांसी आने लगती है। इसी तरह पहलवारा, गोविदबाग, पूरबटोला, बलुहा, अंधियारीबाग समेत अन्य मुहल्लों में कर्मी धड़ल्ले से कूड़ा जला रहे हैं।
नगर के 25 वार्डों में सवा लाख लोग आबाद हैं। पहले आबादी कम होने व शहर के बाहर कूड़ा-कचरा इकट्ठा करने की जगह पर्याप्त होने के कारण कूड़ा निस्तारण बड़ी समस्या नहीं थी। धीरे-धीरे शहरीकरण की होड़ में बीमारियों का संक्रमण भी फैलने लगा। प्लास्टिक के सामानों का चलन बढ़ा, लेकिन उसके निस्तारण की ठोस व्यवस्था नहीं हुई। नतीजा, नगर पालिका के सफाई कर्मचारी जहां-तहां कूड़े के ढेर में आग लगा देते हैं। इससे लोग टीबी व अन्य बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
कचरे में पड़े पालीथिन के ढेर जलने पर निकलने वाली हानिकारक गैस हवाओं में जहर घोल रही है, जिससे लोग सांस के मरीज बन रहे हैं।
स्वयंसेवी संगठनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कई बार लोगों को जागरूक करने का प्रयास भी किया, लेकिन कोई खास परिवर्तन देखने को नहीं मिला।
नगर पालिका व जिला प्रशासन ने पालीथिन के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। इसके बावजूद इसका चलन कम नहीं हुआ।
Author: samachar
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