कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ। चर्चित PUBG हत्याकांड में पर्दे के पीछे एक नहीं, बल्कि दो किरदार हैं। ये कोई बाहरी नहीं, परिवार के ही सबसे अहम सदस्य हैं। एक सदस्य दूर बैठकर बेटे को कमांड देता रहा, जबकि दूसरा साजिशकर्ता बेटे का हौसला बढ़ता रहा। इन्हीं दोनों सदस्यों ने 16 साल के बेटे के दिल में मां के खिलाफ नफरत भरकर उसके हाथ से कत्ल करवाया। इसका खुलासा उसके ही एक रिश्तेदार ने दैनिक भास्कर से किया है।
परिवार के रिश्तेदार के मुताबिक साधना के परिवार में होने वाले छोटे झगड़ों को सामान्य तौर पर देखा जा रहा था। हालांकि, ये नहीं पता था कि यही उसकी हत्या की वजह बन जाएगा। हत्या के बाद परिवार के इस सदस्य की तरफ शक गया था। सबूत मिलने तक इंतजार किया गया। अब पुलिस जांच भी इस तीसरे किरदार के काफी करीब पहुंच चुकी है।
मां को गोली मारने के बाद रात 2 बजे किससे मिलने गया?
4 जून की रात 2 बजे मां की हत्या करने के बाद उन्हीं की स्कूटी लेकर नाबालिग बेटा किसी से मिलने गया था। पुलिस ने घटना के इस पहलू को मीडिया और रिश्तेदारों से छिपाया। इसका खुलासा तब हुआ जब 10 साल की बेटी परिजनों के पास पहुंची। उसने बताया कि भाई उसे दूसरे कमरे में बंद करके बाहर चला गया था। पुलिस ने पता लगाने का प्रयास नहीं किया कि मां को मौत की नींद सुलाने के तुरंत बाद बेटा आखिर किससे मिलने गया था। ये कोई और नहीं, बल्कि वही साजिश रचने वाला परिवार का अहम सदस्य था।
मां के खिलाफ बेटे के दिल मे भरी गई नफरत
रिश्ते में पड़ी दरार को हमेशा के लिए खत्म करने के मकसद से बेहद शातिराना अंदाज में बेटे को मोहरा बनाया। रिश्तेदार का कहना है कि बेटे का पिता नवीन की तरफ ज्यादा झुकाव था। हालांकि, मां से इतनी भी नफरत नहीं थी कि उनकी हत्या कर देता। उनका कहना है कि उसके दिल में मां के लिए नफरत परिवार के भीतर ही भरी गई।
बेटा परिवार के इस सदस्य के काफी करीब था। वो उसकी हर मानसिकता को समझता था। वो परिवार के प्रति संजीदा और निजी जिंदगी में होनहार था। उसकी इसी समझदारी का फायदा उठाकर परिवार के उस सदस्य ने उसे मां का कातिल बना दिया।
कानूनी दांवपेंच का तानाबाना बुनकर रची गई साजिश
इस रिश्तेदार का कहना है कि साधना की हत्या के लिए पहले कानूनी दांवपेंच का तानाबाना बुना गया। हर तरफ से बचने का उपाय निकालने के बाद साजिश रची गई। मासूम बच्चे से मां की हत्या करवाई गई और दादी को दूसरे कठघरे में खड़ा करके उनकी तरफ से मुकदमा दर्ज करवाया गया। रिश्तेदार का कहना है कि वो मुख्य आरोपी को उसकी चाल में कामयाब नहीं होने देंगे। बेटे ने गोली चलाई और कानून के शिकंजे में है। अब जल्द ही वो शातिर साजिशकर्ता भी सलाखों के पीछे होगा।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."