नौशाद अली की रिपोर्ट
बलरामपुर। राप्ती नहर निर्माण खंड अपनी नाकामी छिपाने और कार्यदायी संस्था को बचाने के लिए नैकिनिया के पास बने बैराज से नहर का पानी सीरिया पहाड़ी नाले में मोड़ दिया है जिसके कारण स्वरुप 11 दिन पहले मदरहवा गांव के पास साइफन के टूटने के बाद से मुख्य नहर में पानी बंद कर दिया गया है। इतना ही नहीं,नौ जिलों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए बनी राप्ती नहर राष्ट्रीय परियोजना का तुलसीपुर से आगे के किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। 318 किमी लंबी मुख्य नहर में से सिर्फ 70 किमी तक ही पानी पहुंच रहा है। मिट्टी पाटने से भी नहर नहीं चली तो अब लोहे की फाइलिग कराने का दावा अधिकारी कर रहे हैं। 318 किमी लंबी है मुख्य नहर, 11 दिन से चल रहा मरम्मत।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस परियोजना का लोकार्पण कर किसानों को सिचाई का सौगात दिया था, लेकिन छह माह में ही खेत पानी को तरसने लगे। इस समय गन्ने की फसल की सिचाई के लिए किसानों को पानी की आवश्यकता है। साथ ही धान की नर्सरी लगाने के लिए पानी चाहिए जो नहीं मिल रहा है। कई ब्रांच नहरे भी सूखी है। अधिशासी अभियंता सुरेंद्र कुमार ने बताया कि इसके लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। मरम्मत कार्य तेजी से चल रहा है।
Author: samachar
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