राजेंद्र कुमार की रिपोर्ट
चंडीगढ़। टिकटाक गर्ल बोले तो भाजपा नेत्री सोनाली फौगाट का अलग ही जलवा है। इंटरनेट मीडिया के साथ ही सोनाली आदमपुर विधानसभा क्षेत्र भी सक्रिय रहती हैं। कुलदीप बिश्नोई यहीं से विधायक हैं। पिछले चुनाव में सोनाली भले ही उनसे हार गई थीं, लेकिन उन्होंने मुकाबले में रंग भर दिया था।
हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष पद पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक उदयभान की नियुक्ति के बाद कुलदीप खफा हैं। बिश्नोई की मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ मुलाकात के बाद लोग कयास लगा रहे हैं कि वह भाजपा में जा सकते हैं।
सोनाली ने इसे लेकर शायराना अंदाज में ट्वीट किया-मेरी मेहनत का असर तो देख ए जमाने, जमीं जो खिसकाई उसके पैरों तले से, आसरा मांगने उसे मेरे ही दर पर आना पड़ा। उनका संकेत कुलदीप के भाजपा ज्वाइन करने की खबरों को लेकर है। वैसे कुलदीप भाजपा में आते हैं तो सोनाली को दूसरा विधानसभा क्षेत्र तलाशना पड़ेगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जहां हरियाणा पर पूरा पानी नहीं देने का आरोप लगा रहे, वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल आंकड़ों के साथ उनके दावों की पोल खोलने में लगे हैं। दिल्ली के लिए की जा रही पानी की सप्लाई का हिसाब देते हुए मनोहर कहते हैं कि हम उनके हिस्से का पूरा पानी दे रहे हैं। रही बात और अतिरिक्त पानी देने की तो अपनों को प्यासा मार कर किसी को ज्यादा पानी नहीं दे सकते।
साथ ही केजरीवाल को पानी पर राजनीति नहीं करने की नसीहत देते हुए चुनौती देते हैं कि राजनीति करनी है तो करो, लेकिन पानी पर न करो, अन्यथा आपका पानी उतर जाएगा। हमसे बड़ी राजनीति नहीं कर पाओगे। पानी चाहिए तो इस हाथ दो, उस हाथ लो। आप पंजाब से हमारे हिस्से का पानी दिलाएं, एसवाईएल बनवाएं और हांसी बुटाना नहर में पानी डलवाएं। हम दिल्ली को अतिरिक्त पानी दे देंगे।
दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूंक कर पीता
दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूंक कर पीता है। मौजूदा संदर्भ में इस लोकोक्ति का मर्म समझना है तो उनसे पूछिये, जिन्होंने पिछले डेढ़ साल के दौरान गांवों में पंच-सरपंच या जिला परिषद और ब्लाक समिति का सदस्य बनने की तैयारी में परिवार की खून-पसीने की गाढ़ी कमाई उड़ा डाली। किसी ने नगर परिषद और पालिकाओं का प्रधान या पार्षद बनने का सपना पूरा करने के लिए मतदाताओं-समर्थकों की सेवा-पानी में सब कुछ लुटा दिया।
हाई कोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद सरकार ने राज्य चुनाव आयोग से पंचायत और छोटी सरकार के चुनावों की सिफारिश कर दी है। इसके बावजूद चुनाव लडऩे के इच्छुक अधिकतर लोग अतीत के अनुभव से सबक लेते हुए चुनावों की औपचारिक घोषणा का इंतजार कर रहे हैं ताकि अनावश्यक बोझ से बचा जा सके। ऐसे लोग भी कम नहीं जिन्होंने चुनाव लड़ने से तौबा कर ली है।
चिंतन से चिंतित कांग्रेसी
क्रिकेटर से नेता बने पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू का वैसे तो हरियाणा से कोई सीधा कनेक्शन नहीं है। इसके बावजूद गृह मंत्री अनिल विज के निशाने पर राहुल गांधी के बाद सिद्धू ही रहते हैं।
रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक साल की सजा सुनाए जाने के बाद विज दावा कर रहे कि पंजाब में अब कांग्रेस नेताओं को नवजोत सिद्धू से मुक्ति मिल गई है और यही वे चाहते थे।
इसके साथ ही विज सलाह देते हैं कि कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा निकालने से ज्यादा कांग्रेस मत छोड़ो अभियान चलाने की जरूरत है। उदयुपर में कांग्रेस के पंचतारा शिविर में जो मंथन हुआ, उसका रस निकलना शुरू हो गया है।
सुनील जाखड़, हार्दिक पटेल और राजस्थान के युवा कांग्रेस के अध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया है। अब हरियाणा की बारी है। विज ठहाका लगाते हैं, चिंतन ने कांग्रेसियों को चिंतित कर दिया है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."