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November 23, 2024 5:32 am

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आस्था ! हटीला शाह की मजार पर सज धज कर जायरीनों की शुरु हो गई है आमद

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नौशाद अली की रिपोर्ट

गोंडा : दरगाह हजरत सैय्यद सालार रज्जब अली हटीला शाह गाजी की चौखट पर सजदा कर मुख्य मजार पर जियारत करने वाले जायरीनों का जत्था परंपरागत तरीके से अपने हाथों में मन्नती निशान लेकर पहुंच रहे हैं। जायरीनों ने बगल स्थित बगीचे को आरामगाह बनाया है। साथ ही प्रदेश के कोने-कोने से आने वाली बाले मियां की बरात का स्वागत करने के लिए दरगाह प्रबंध समिति ने तैयारी पूरी कर ली है। हर साल मुख्य मेले रविवार के दिन रुदौली, बाराबंकी, गोरखपुर, बलिया, कानपुर, लखनऊ और आजमगढ़ समेत प्रदेश के कोने-कोने से बाले मियां की बरातें सज-धज कर दरगाह की चौखट पर आती हैं। पूरी रस्म रिवाज के साथ बारातियों का स्वागत होता है। हजारों जायरीनों की मौजूदगी में ये बरातें मेले की रौनक बनती हैं। इस साल भी इसी तरह दरगाह मेले का पहला इतवार जायरीनों के उमड़ते सैलाब के बीच परवान चढ़ेगा। इसके लिए दरगाह समिति अध्यक्ष सुलेमान शाह हर सरगर्मी पर नजर रख रहे हैं। दरगाह समिति के अध्यक्ष सुलेमान शाह ने कहा कि मुख्य मेले के दिन जो बरातें आती हैं। इनमें 20 बरातें रजिस्टर्ड हैं। मान्यता है नमक चढ़ाने से लीला (शरीर में होने वाला मस्सा )हो जाता है खत्म।

परंपरा के अनुसार लीला से परेशान लोग हटीला बाबा की मजार पर साबूत नमक चढ़ाते हैं। समिति के अध्यक्ष सुलेमान शाह ने कहा लगभग आठ से 10 क्विंटल नमक बाबा की मजार पर चढ़ता है। मान्यता है कि नमक चढ़ाकर मन्नत मांगने से लीला (शरीर में होने वाला मस्सा ) खत्म हो जाता है।

दरगाह शरीफ के मेला जेठ में आने वाली बरातों का विशेष आकर्षक पलंग पीढ़ी रहता है। जिसको लेकर एक के बाद एक बरातों में शामिल लोग आते हैं और बाले मियां की मदद के नारे लगाते हुए मस्ती में झूमकर दरगाह के अंदरूनी किले में दाखिल होते हैं। पलंग पीढ़ी को लोग श्रद्धा अनुसार रुपये, जेवरात से सजाकर लाते हैं। 

सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम

वजीरगंज थानाध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा कि पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था की गई है। मेले में आए श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं होने पाएगी। सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किए गए हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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