नौशाद अली की रिपोर्ट
गोंडा, वर्ष 1993 में पूर्व मंत्री स्वर्गीय विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह पर हुए जानलेवा हमले के मामले की सुनवाई कर रही एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश जितेंद्र गुप्ता ने आरोपित कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह के हाजिरी माफी संबंधी अर्जी को निरस्त करते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया है।
1993 में पूर्व मंत्री स्वर्गीय विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह पर बल्लीपुर स्थित आवास पर जानलेवा हमला हुआ था। इसमें कई राउंड गोलियां चलने की बात कही गई थी। उस वक्त प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी। हेलीकाप्टर से मुलायम सिंह यादव ने उन्हें अस्पताल भिजवाकर उनका इलाज करवाया था। इस मामले में कैसरगंज सांसद बृज भूषण शरण सिंह आरोपित है।
मई 2021 में पूर्व मंत्री पंडित सिंह की कोरोना से मौत हो गई। जानलेवा हमले के मामले की सुनवाई एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश जितेंद्र गुप्ता कर रहे हैं। कई तारीखों से न्यायालय में सांसद हाजिर नहीं हुए। न्यायालय ने कैसरगंज सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।
कार्यकर्ता सुधर जाएं लेकिन, अधिकारी न सुधरें : कार्यकर्ता सुधर जाएं लेकिन, अधिकारी न सुधरें। यह तंज शुक्रवार को कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने बिना नाम लिए कसा है। तरबगंज विधान सभा के अमदही धनईगंज में आयोजित कार्यक्रम से लौटते समय कैसरगंज भाजपा सांसद का काफिला बंधा-गभौरा मार्ग पर अचानक रुक गया। क्षतिग्रस्त सड़क की दशा देख वह भड़क उठे। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए। सांसद ने कहा कि गभौरा मार्ग के बारे में वह निगरानी समिति की बैठक में दो बार उठा चुके हैं।
कहा कि इस मार्ग के मरम्मत के नाम पर रुपये भी शायद निकाल लिए गए हैं। इसकी जांच कराई जाएगी। इसके बाद वह बंधा- सरीफगंज मार्ग पर बनी पुलिया पर रुके। पुलिया पर स्थित गड्ढे को दिखाते हुए कहा कि इसमें कभी बड़ा हादसा हो सकता है। बच्चे व राहगीरों की इसमें गिर कर मौत भी हो सकती है। इसके बावजूद जिम्मेदार लोक निर्माण विभाग के अधिकारी नहीं जाग रहें हैं। उन्होंने कहा कि जय हो अधिकारी की.. जय हो लोक निर्माण विभाग की
Author: samachar
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