अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
प्रयागराज। किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष जब दो माह के भांजे के अपहरण की साजिश में फंसे 15 वर्षीय किशोर ने सौतेली मां के जुल्मों को बयां किया तो वहां उपस्थित सभी की आंखें भर आईं। किशोर न्याय बोर्ड ने बयान दर्ज करने के बाद किशोर को राजरूपपुर स्थित बालगृह भेज दिया। प्रयागराज में किशोर न्याय बोर्ड ने ऐतिहासिक फैसले में किशोर पर लगे आरोप को निराधार पाया, जिसके आधार पर उसे दोष मुक्त कर दिया गया। अब किशोर पर मुकदमा नहीं चलेगा।
प्रयागराज जिले में शहर के शाहगंज निवासी इस किशोर की मां का निधन हो गया है। पिता ने दूसरी शादी की तो वह भी कुछ वर्ष बाद चल बसे। किशोर की दो बहनें हैं। बड़ी की शादी हो चुकी है जबकि एक छोटी है। पिता की मौत के बाद सौतेली मां ने दूसरे धर्म के शख्स से निकाह कर लिया। इसके बाद किशोर और उसकी छोटी बहन पर सौतेली मां व उसका दूसरा पति जुल्म ढाने लगा।
किशोर को जंजीर से बांधकर पीटा जाता था। कई दिन उसे भूखा रखा जाता था। आपबीती उसने सुनाई कि उसे भांजे के अपहरण में सौतेली मां ने ही षडयंत्र के तहत फंसा दिया।
किशोर अपनी बड़ी बहन और बहनोई के साथ रहना चाहता है। बड़ी बहन तो तैयार हो गई मगर बहनोई नहीं तैयार हुआ।
किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान मजिस्ट्रेट शिवार्थ खरे, सदस्यगण नरेंद्र कुमार साहू, शीला यादव ने किशोर को दोष मुक्त करते हुए उसे बाल कल्याण समिति के जरिए बाल गृह राजापुर में संरक्षित करा दिया। समिति के चेयरमैन अखिलेश मिश्रा ने बताया कि किशोर की काउंसिलिंग कराई जाएगी। उसके अधिकारों का हनन नहीं होने दिया जाएगा।
Author: samachar
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