टिक्कू आपचे की रिपोर्ट
महाराष्ट्र, महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं। लोग पानी को इकट्ठा करने के लिए गड्ढे खोदते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि ये समस्या यहां के लोगों के लिए नई नहीं है, हम बीते 60 वर्षों से ये तकलीफ झेल रहे हैं। पानी की कमी यहां जस की तस बनी हुई है। इन गड्ढों में गंदा पानी होता है। राजनेता पानी देने का वादा तो करते हैं लेकिन अभी तक कोई इंतजाम नहीं किया गया है।
चंद्रपुर जिले के 958 गांवों में पानी की भारी किल्लत है। लोग पीने के पानी के लिए भी तरस रहे हैं। इतनी बड़ी समस्या होने के बावजूद भी जिला प्रशासन बेसुध है अब तक एक भी गांव में पानी का टैंकर नहीं भेजा गया है। ग्रामीण परेशान हैं और अपना गुस्सा भी जाहिर कर रहे हैं।
इस वर्ष कम बारिश की वजह से जिले में जलस्तर काफी नीचे पहुंच गया है। जिसके चलते 11 बड़ी सिंचाई परियोजनाएं भी बंद होने के कगार पर हैं। हालांकि नदियों में पानी की कमी का ग्रामीण जलापूर्ति योजना पर कोई असर नहीं पड़ा है। जिला परिषद की पानी टंचाई कृति योजना के अनुसार 958 गांवों में पानी की गंभीर समस्या है। लखमापुर, बीबी, नंदा, कोठोडा, धमनगांव, नैतामगुड़ा, आसार (बी), खिरडी, वडगांव, चेन्नई, मंगलीरा, कोरपाना, वनसदी, पिपर्दा, कोडशी (बी), धोपल्ला, कन्हलगांव, पिट्टीगुड़ा, भूरी येसापुर, अंतापुर गांवों में इंदिरानगर, पटागुड़ा, कुम्भेझारी, घनपाथर जैसे लोग पानी के लिए यहां-वहां परेशान होते घूम रहे हैं।
जीवती और कोरपाना के लोगों को भी गड्ढे खोदकर उनका पानी पीना पड़ता है। इस विकट स्थिति में भी जिला प्रशासन ने अभी तक एक भी गांव में टैंकर नहीं लगाए हैं। सूखा प्रभावित गांवों के लोग टैंकर से पानी भेजने की मांग कर रहे हैं। लेकिन जिला प्रशासन लोगों की इस मांग की अनदेखी कर रहा है।
Author: samachar
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