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November 2, 2024 3:01 am

चित्रकूट वन प्रभाग में प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच करने पहुंची जांच कमेटी का जोरदार स्वागत

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट- वन प्रभाग चित्रकूट में प्रभारी/प्रभागीय वनाधिकारी राजेश कुमार दीक्षित द्वारा शासन की नियमावली को अनदेखी कर सरकारी धन का जमकर बंदरबाट किया गया है जिसको लेकर भारतीय जनता मजदूर ट्रेड यूनियन के जिलाध्यक्ष चंद्रमोहन द्विवेदी ने मुख्यमंत्री सहित प्रमुख सचिव, अपर मुख्य सचिव गृह एवं गोपन व प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष को पत्र लिखकर वन प्रभाग चित्रकूट में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी जिसमें प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष द्वारा जांच के आदेश दिए गए थे जिसमें मुख्य वन संरक्षक बुंदेलखंड जोन उ.प्र. झांसी द्वारा जांच कमेटी गठित कर वन प्रभाग चित्रकूट के पांचों रेंजो में हुए विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया जाना है जिसमें 11,12 व 13 /05/2022 को जांच कमेटी द्वारा जांच किया जाना है लेकिन प्रभारी/प्रभागीय वनाधिकारी राजेश कुमार दीक्षित व जांच कमेटी द्वारा शिकायत कर्ताओ को बिना सूचना दिए ही कराए गए विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया जाने लगा है वहीं शिकायत कर्ता को आनन फानन में व्हाट्स ऐप के माध्यम से सूचना उपलब्ध कराई गई है l

श्री द्विवेदी ने बताया कि वन प्रभाग चित्रकूट में प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी आर के दीक्षित द्वारा शासन की नियमावली को अनदेखी करते हुए मनमाने तरीके से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए भुगतान किए गए हैं व सरकारी धन का जमकर बंदरबाट किया गया है l

श्री द्विवेदी ने बताया कि वन प्रभाग चित्रकूट वन सम्पदा से पूर्णतया अच्छादित वन प्रभाग रहा है किन्तु तत्कालीन वन मंत्री दारा सिंह चौहान एवं प्रमुख सचिव वन की साठ गांठ से प्रदेश के सबसे जूनियर सहायक वन संरक्षक आर के दीक्षित को चित्रकूट वन प्रभाग में आए सरकारी बजट की लूट खसोट हेतु नियमों को ताक पर रखकर प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी नियुक्त कर करोड़ों रुपए का घोटाला करवाया गया है
प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी नियुक्त होते ही आर के दीक्षित द्वारा चित्रकूट वन प्रभाग के अन्तर्गत ठेकेदारी प्रथा चरम सीमा पर लागू की गई है जिसके कारण मजदूरों का शोषण लगातार हो रहा है इसका मुख्य कारण राजकीय धन को ई पेमेंट के माध्यम से मजदूरों के खाते में सीधे न भेजकर ठेकेदारों/फर्म/व्यक्तियों के नाम बिल बनाकर उनके खातों में रुपयों का भुगतान कराकर एकमुश्त धनराशि आर के दीक्षित द्वारा वसूल ली जाती है इसके बाद कार्य को पूरा नहीं करा कर आधा अधूरा कार्य 200 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरों को नकद मजदूरी का भुगतान कर लिया जाता है जिससे राजकीय धन का एक बड़ा हिस्सा आर के दीक्षित के निजी उपयोग में प्रयोग होता है जिसके कारण अरबों रुपए की संपत्ति लखनऊ, इलाहाबाद व नोएडा जैसे शहरों में चल एवं अचल संपत्ति अर्जित की गई है l

चित्रकूट वन प्रभाग के अन्तर्गत वन क्षेत्रों में एन. आर., एन एफ सी सी, कैंपा एवं सामाजिक वानिकी जैसी योजनाओं के अंतर्गत चेकडैम का निर्माण एवं पत्थर की दीवाल (खखरी) आदि का निर्माण कार्य कराया जाता है जिसपर मौके पर उपलब्ध खनिज सम्पदा पत्थर, बालू, मोरम व गिट्टी आदि का प्रयोग वन क्षेत्र पर खनन कर निकाला जाता है और उसका उपयोग इन कार्यों हेतु किया जाता है पैसों के बजट की धनराशि की चोरी हेतु उक्त खनिज सम्पदा को ठेकेदार/फर्म/व्यक्ति विशेष से क्रय कर ढुलान करवाना दिखाकर फर्जी भुगतान प्राप्त कर लिया जाता है जबकि एक शासनादेश के अनुसार फर्म/ठेकेदार/व्यक्ति विशेष से बिना प्रपत्र एम. एम.11 के कोई भी खनिज सम्पदा का क्रय एवं ढुलान नहीं किया जा सकता है तथा खरीदी गई खनिज की मात्रा का प्रपत्र एम एम 11 के बिना बिलों को पास नहीं किया जा सकता है परन्तु आर के दीक्षित द्वारा यह प्रक्रिया को दर किनार कर बिना प्रपत्र एम एम 11 के भुगतान कर धनराशि प्राप्त कर ली जाती है l

वर्ष 2021 में मारकुंडी रेंज के अन्तर्गत सबरी जल प्रपात के लिए आवागमन हेतु एक किमी खडंजा निर्माण का कार्य कराया गया था जिसकी लागत 75 लाख रुपए दिलाई गई है तथा बोल्डर/मोरम व मिट्टी स्थानीय वन क्षेत्र से निकालकर उपयोग में लाई गई है जिसका क्रय एवं ढुलान दिखाकर भारी मात्रा में घोटाला किया गया है l

सरकारी धन पर इन परिस्थितियों में भ्रष्टाचार तो होता ही है साथ में प्रपत्र एम एम 11 एवं उपरोक्त खनिज का क्रय नहीं किया जाना राजस्व की भी करोड़ों रुपए की चोरी की जाती है इस तरह से वन क्षेत्रों में पत्थर की दीवाल/खखरी बनाने में यही प्रक्रिया अपनाई जाती है l

वर्ष 2021/22 में कैंपा योजना के अंतर्गत 1500 हेक्टेयर अग्रिम मृदा कार्य कराना दिखाकर पूरी धनराशि का भुगतान 60% चेक के माध्यम से एवं 40% धनराशि कोषागार के माध्यम से भुगतान कराया गया है परन्तु अभी तक प्रभाग की पांचों रेंजो में अग्रिम मृदा कार्य पूरा नहीं हुआ है और उसको पूर्ण दिखाकर भुगतान प्राप्त कर लिया गया है यह एक घोर वित्तीय अनियमितता है
मारकुंडी रेंज के अन्तर्गत सबरी जल प्रपात के लिए बने वन मार्ग में एवं ददरी बीट के अनुसुइया जी आश्रम के पास बन रहे चेकडैम पर भारत सरकार की अनुमति नहीं ली गई है जबकि भारतीय वन अधिनियम 1980 के अन्तर्गत बिना भारत सरकार की अनुमति के कोई भी निर्माण कार्य नहीं कराया जा सकता है इसी प्रकार प्रभाग के सभी रेंजों में यह प्रक्रिया इन्हीं कार्यों पर लागू होती है लेकिन इनका अनुपालन नहीं किया गया है l

भारतीय जनता मजदूर ट्रेड यूनियन के जिलाध्यक्ष चंद्रमोहन द्विवेदी ने मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव व वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को लिखे पत्र में यह मांग की थी कि तत्कालीन वन मंत्री दारा सिंह चौहान के पत्रांक 13 के माध्यम से प्रमुख सचिव वन द्वारा जारी आदेश संख्या 1538 दिनांक 03/12/2021 को निरस्त करते हुए आर के दीक्षित सहायक वन संरक्षक को प्रमुख वन संरक्षक कार्यालय से संबद्ध करते हुए सम्पूर्ण प्रकरण की विधिक जांच कराए जाने की मांग की थी जिससे वन प्रभाग चित्रकूट में प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी आर के दीक्षित द्वारा किए गए करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश हो सके l

वहीं वन प्रभाग चित्रकूट में प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी राजेश कुमार दीक्षित व पांचों रेंजों में हुए विकास कार्यों की जांच करने पहुंची जांच कमेटी का प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी राजेश कुमार दीक्षित द्वारा राजसी स्वागत किया गया जिसमें कार्यालय को गुब्बारों से सजाया गया व लजीज व्यंजनों के साथ पैरों तले कालीन बिछाई गई है जिससे जांच प्रभावित हो सके l

वहीं जांच टीम द्वारा कुछ ही कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया गया है व भीषण गर्मी का हवाला देते हुए जांच कमेटी वन विभाग के गेस्ट हाउस में आराम फरमाते हुई नज़र आ रही है l

जांच कमेटी वन प्रभाग चित्रकूट में प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी राजेश कुमार दीक्षित व विकास कार्यों में हुई धांधली की जांच करने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर आई हुई है जो भीषण गर्मी का हवाला देते हुए जांच करने से दूर भाग रही है जिससे शिकायत कर्ता चंद्रमोहन द्विवेदी ने आशंका जताई है कि जांच कमेटी प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी राजेश कुमार दीक्षित की चिकनी चुपड़ी बातों को देखते हुए जांच कमेटी द्वारा मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है जिसके कारण जांच कमेटी का प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी राजेश कुमार दीक्षित पर कोई असर नहीं दिखाई देता है l

अगर जांच कमेटी द्वारा मामले की जांच गंभीरता से की गई तो वन प्रभाग चित्रकूट में व्याप्त भ्रष्टाचार का काला चिट्ठा खुलकर सामने आ जाएगा l

अब देखना यह है कि अपनी दबंगई के बल पर प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी राजेश कुमार दीक्षित द्वारा जांच कमेटी के ज़िम्मेदार अधिकारियों को गुमराह करने का काम किया जाएगा या फिर चित्रकूट वन प्रभाग में तैनात प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी राजेश कुमार दीक्षित के खिलाफ जांच कमेटी अपनी प्रगति रिपोर्ट/स्थलीय निरीक्षण व प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी राजेश कुमार दीक्षित द्वारा किए गए फर्जीवाड़े व करोड़ों रुपए के गबन की जांच रिपोर्ट प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष को सौंपकर कार्यवाही करवाने का काम करेगी यह एक बड़ा सवाल है l

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."