विवेक चौबे की रिपोर्ट
खान व उद्योग सचिव पूजा सिंघल से मंगलवार को ईडी के दफ्तर में पूछताछ होनी थी। मीडियाकर्मियों की संभावित भीड़ को देखते हुए ईडी दफ्तर में व उसके सामने सीआरपीएफ के पुरुष व महिला सिपाहियों की भारी तैनाती की गई थी। सुबह के करीब 11 बजकर 11 मिनट पर पूजा सिंघल की कार जेएच 01बीवाई-3495 जैसे ही ईडी कार्यालय के गेट के पास पहुंची, पुख्ता सुरक्षा के बावजूद मीडियाकर्मियों ने उनसे सवालों की बौछार की।
पूजा सिंघल के मुंह से एक शब्द नहीं निकला। ईडी परिसर में अपनी कार से उतरकर वह सीधे कार्यालय के भीतर चलीं गईं। कार में उनकी दाहिनी तरफ उनके पति अभिषेक झा बैठे थे, वे भी पीछे-पीछे ईडी के दफ्तर में चले गए। पूजा सिंघल का चेहरा मुरझाया हुआ था। वह बेहद घबराई हुईं थी। लाल बार्डर वाली हरी सलवार-कुर्ती और हाथों में हैंड बैग लिए चश्मा पहने पूजा सिंघल के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ पढ़ी जा सकती थी। उनसे मीडियाकर्मी उनका रिएक्शन पूछते रह गए, लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं की। पूजा सिंघल के पहुंचने के बाद ईडी कार्यालय के मुख्य दरवाजे को वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने बंद कर दिया। इस दौरान किसी के भी अंदर जाने पर रोक लगा दी गई।
जानकारी के मुताबिक उन्होंने खुद को निर्दोष बताया है। पूजा सिंघल से पूछताछ की शुरूआत खूंटी जिले के बहुचर्चित मनरेगा घोटाला से हुई है। मनरेगा घोटाले के वक्त पूजा सिंघल ही खूंटी की तत्कालीन उपायुक्त थी, तब मनरेगा की योजनाओं में 18.06 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था। उन्होंने ईडी के अधिकारियों को बताया कि उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार ने एक जांच समिति गठित की थी। जांच समिति ने उन्हें उक्त मामले में क्लीनचिट दे दिया है। उन्होंने बताया कि उस समय भी उन्होंने अपना जवाब दाखिल किया था। उसी जवाब पर आज भी वह कायम हैं। जवाब की कापी राज्य सरकार से लेकर देखी जा सकती है।
जब ईडी ने पूछा कि पूर्व में गिरफ्तार कनीय अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा ने बताया है कि पांच प्रतिशत कमीशन उपायुक्त कार्यालय को पहुंचता था। इस पर पूजा सिंघल का कहना है कि क्या राम विनोद प्रसाद सिन्हा ने उनका नाम लिया था? इस मामले में उनके नाम को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। वह इसमें कहीं नहीं थी। जब उनसे सवाल किया गया कि आप राम विनोद प्रसाद सिन्हा को बहुत प्रोटेक्ट करती थी, इतना आरोप लगने के बाद भी आपने उसे बचाने का प्रयास किया।
इसके जवाब में पूजा सिंघल ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से किसी को बचाने का प्रयास नहीं किया, जो भी किया कानून सम्मत किया। जब उनसे पूछा गया कि राम विनोद प्रसाद सिन्हा के खिलाफ शिकायत के बावजूद आपने क्या करवाई की थी। इस पर पूजा सिंघल ने कहा कि वे फाइल देख कर ही आगे कुछ बता सकती हैं। उस समय का फाइल देखना पड़ेगा। मंगलवार की देर रात तक सभी आरोपितों से ईडी की पूछताछ जारी थी।
Author: samachar
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