संवाददाता- विवेक चौबे
गढ़वा : आखिर कब तक अवैध रूप से नर्सिंग होम व निजी क्लिनिक से गरीबों की मौत होते रहेगी व कब तक उनका आर्थिक शोषण होता रहेगा। आखिर स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन मौन क्यों है ?
जी हां, हम बात कर रहे हैं जिले के कांडी प्रखंड की, जहां प्रखण्ड मुख्यालय सहित अन्य गांव व टोलों में गत कई वर्षों से अवैध रूप से नर्सिंग होम, आंख अस्पताल व क्लिनिक का संचालन गैरकानूनी ढंग से किया जा रहा है, जिसको देखने वाला कोई नहीं है। स्वास्थ्य विभाग भी मौन है।
इलाज के नाम पर प्रखंड के गरीबों से बड़ी रकम की वसूली की जाती है। मरीज की जिंदगी से भी खिलवाड़ कर दिया जाता है। कई बार तो मरीज को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ता है।
असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी गढ़वा के कार्यालय से जारी जिला अंतर्गत गढ़वा अनुमंडल क्षेत्र में पंजीकृत क्लिनिक, डायग्नोस्टिक सेंटर, अस्पताल नर्सिंग होम की जारी की गई सूची में कांडी प्रखंड में मात्र दो ही नर्सिंग होम वैध है।जिसमें नारायण हॉस्पिटल को 12 फरवरी 2022 को अस्थायी रूप से एक वर्ष के लिए 28 फरवरी 2023 तक के लिए पंजीकरण संख्या 2034600457 के तहत डॉ. ए एस सिंह को अस्पताल संचालन के लिए अनुमति प्राप्त है। जबकि दूसरा अस्पताल लाईफ लाईन हॉस्पिटल को 30 नवम्बर 2021 से 30 नवम्बर 2022 तक ही स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. विजय प्रताप सिंह को पंजीकरण संख्या 2034600443 के तहत अस्पताल संचालन की अनुमति दी है, किन्तु उक्त प्रखंड में तीन दर्जन से अधिक की संख्या में अवैध रूप से क्लिनिक, आंख अस्पताल व नर्सिंग होम का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है। इन क्लिनिक व अस्पतालों में इलाज के नाम पर बहुत बड़ा गोरखधंधा फल-फूल रहा है। इन अस्पतालों में सभी प्रकार का ऑपरेशन किया जाता है। कथित रूप से संचालित इन अस्पतालों में किसी भी डॉक्टरों के पास कोई भी कानूनी डिग्री नहीं है। फिर भी अपेंडिक्स, हॉर्निया, बच्चेदानी, ट्यूमर, घाव, स्तन कैंसर सहित अन्य कई ऑपरेशन किया जाता है। इलाज के दौरान कई कई बार मरीज की जान भी चली गई है।
सूत्रों की माने तो पिछले दिनों ही मोखापी गांव की एक महिला की मृत्यु गर्भपात करने के दौरान कांडी मुख्यालय स्थित एक अस्पताल की महिला डॉक्टर के हांथो हो गयी थी, जिसको लेकर उक्त डॉक्टर ने मृत महिला के परिजनों को डेढ़ लाख रुपया देकर मामला को यूं ही रफा-दफा कर दिया था।
प्राप्त सूचना के अनुसार शिवरी गांव की एक महिला की भी मृत्यु कांडी के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हो गयी थी। इस प्रकार का हादसा हर समय सुनने को मिलते रहता है। लोगों के जीवन से खिलवाड़ आखिर कब तक होते रहेगा ? इस प्रकार की वारदात पर कौन रोक लगाएगा, यह प्रश्न विचाराधीन ही है। डॉक्टर तो भगवान कहे जाते हैं, जो लोगों की जिंदगी बचाते हैं, किन्तु यहां तो पैसों की खातिर गरीबों का आर्थिक शोषण तो करते ही हैं। साथ ही जीवन दान देने के बजाए जीवन छीन ले रहे हैं।
इस विषय मे सिविल सर्जन डॉ. कमलेश कुमार ने बताया कि कांडी में अगर इतनी बड़ी संख्या में विभाग से बिना अनुमति लिए नर्सिंग होम व क्लिनिक का संचालन किया जा रहा है तो यह गैरकानूनी है।विभाग की जांच टीम इस विषय को लेकर जांच करेगी।जांच में दोषी पाए गए सभी नर्सिंग होम व क्लिनिक के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई किया जाएगा।
Author: samachar
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