विकास कुमार की रिपोर्ट
जगराओं(लुधियाना)। हरेक मां-बाप अपने बच्चों का करियर बनाने के लिए उनको उच्च शिक्षा दिलाने की काेशिश करता है। सफल युवा महिला किसान अमनजीत कौर की मां स्वरणजीत कौर व पिता हरमिलाप सिंह का भी यह सपना था कि उनकी बेटी अच्छा पढ़-लिखकर बेहतर करियर बनाए, लेकिन अमनदीप का रूझान शुरू से ही खेती की तरफ था और इसी में अपना करियर बना कर अमनजीत ने आज खुद को साबित कर दिया है। यह कहना है गांव कनौई जिला संगरूर की युवा किसान अमनदीप कौर का।
खेती के साथ उनकी शिक्षा आज भी जारी है। आज अमनदीप कौर तूर किसी पहचान की मोहताज नही है, इलाके में हरेक की जुबां पर युवा किसान अमनदीप कौर तूर और “ट्रैक्टर वाली कुड़ी” के नाम से मशहूर है। बचपन से अपने दादा हरदेव सिंह, पिता हरमिलाप सिंह व भाई गगनदीप सिंह को सुबह ही तैयार होकर खेतों में काम करने जाते देखा करती थी।
उसे जब स्कूल से छुट्टी होती, वह भी पिता के साथ खेतों में जाती थी। 22 वर्षीय अमनदीप कौर के पिता ने ट्रैक्टर चलाते हुए उसे भी ट्रैक्टर व अन्य खेती यंत्र व मशीनें चलाना सिखा दी थी। अब वो पिछले छह वर्ष से ट्रैक्टर, रोटावेटर, सुहागा, रीपर के साथ अन्य खेती मशीनें चला लेती है।
युवा किसान अमनदीप कौर ने अपने खेती के शौक को पूरा करने के लिए विदेश भी नहीं गई। उसने बताया कि वर्ष 2019 में आइलेट्स में साढ़े छह बैंड आने के बाद मेडिकल व ऑफर लैटर भी आ चुका था। उसने कहना है कि जो दिहाड़ियां विदेश में रह कर करनी थी, अब वह अपने पिता की खेती व्यवसाय को ऊपर उठाने में पूर्ण सहयोग दे रही हूं।
युवा सफल किसान अमनदीप कौर तूर ने बताया कि उसके खेती कार्यों को देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2021 को युवा सफल महिला किसान अवार्ड से भी नवाजा था। इतना ही नहीं अमनदीप कौर डेयरी व्यवसाय के बारे में पूरी माहिर है और घर में रखे चार दुधारू पशुओं का काम भी स्वयं करती है। और घर में सभी प्रकार की सब्जियों की आर्गेनिक तरीके से खेती करती है। उसने बताया कि फसलों की मार्केटिंग वो अपने दादा जी व पिता के साथ दानामंडियों व सब्जी मंडी में साथ जाती है।
युवा किसान अमनदीप कौर को अब सभी फसलों गेहूं व धान के साथ आर्गेनिक सब्जियों की बीजाई, कटाई, फसल रोगों, फसलों को कब पानी लगाना, स्प्रे व खाद कब व कितनी डालनी है, के बारे में पूरी जानकारी है। उसने बताया कि जब वह अपने पिता के साथ खेती कार्यों में पूरी तरह जुट गई तो कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी की टीमें समय-समय पर आकर उसके काम को देखते है और दिशानिर्देश देते हैं। उसने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान कालेज पूरी तरह बंद होने कारण मुझे पूरा समय खेती को देने का अवसर मिला।
इंजीनियरिंग के फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रही अमनदीप
खेती के शौक के साथ-साथ अमनदीप कौर खालसा कालेज पटियाला से बी-वोकेशनल फूड प्रोसेसिंग एंड इंजीनियरिंग के फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रही है। उसने बताया कि एमएससी करने के बाद आर्गेनिक फार्मिंग को बड़े स्तर पर अपना कारोबार स्थापित करेगी। युवा सफल किसान अमनदीप कौर तूर ने अन्य लड़कियों से अपील की कि वे अपने पिता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करे।
Author: samachar
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