विरेन्द्र हरखानी की रिपोर्ट
झुंझुनूं। जिला झुंझुनूं के दौरादास गाँव के रवि निर्मल सुपुत्र रामौतार निर्मल की शादी 14 अप्रैल को गौठड़ी निवासी बहादुर सिंह तंवर की सुपुत्री पूनम संग बौद्ध रीति से सम्पन्न हुई।
इस अवसर पर स्टेज कार्यक्रम से पहले दूल्हे दुल्हन ने बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान व बुद्ध और उनका धम्म ग्रन्थ एक दूसरे को भेंट किये साथ ही पंचशील के पट्टे पहनाये।
शादी संस्कार बी एल बौद्ध ने बौद्ध रीति से सम्पन्न करवाये जो कि दूल्हे दुल्हन के परिजनों व उपस्थित जन समूह को बहुत अच्छे लगे।
बोद्धिसत्व बाबा साहेब अंबेडकर व तथागत बुद्ध के चित्र के समक्ष मोमबत्ती जलाकर वैवाहिक संस्कार शुरू किए व दूल्हे दुल्हन सहित मौजूद सभी लोगों ने बुद्ध वंदना व पंचशील किया।
इस अवसर पर बी एल बोद्ध ने बताया कि बोद्ध रीति से शादी की परंपरा हमारे पूर्वजों की परंपरा रही है दुनिया के महानतम विद्वान व भारतीय संविधान के रचयिता बाबा साहेब अंबेडकर ने एक बार पुनः हमें इस व्यवस्था से जोड़ा है। हम बाबा साहेब अंबेडकर के बताये हुए मार्ग पर चलने वाले लोग हैं इसलिए हमें बाबा साहेब की बात मानकर सभी संस्कार बौद्ध रीति से ही करवाने चाहिए क्योंकि हमे पूर्ण यकीन है कि बाबा साहेब अंबेडकर हमें सही रास्ता दिखाकर गए हैं।
14 अप्रैल का दिन था इसलिए उपस्थित युवाओं ने इस अवसर पर जय भीम के जयकारों से शादी के माहौल को और अधिक खुशहाल बना दिया।
नव दम्पति रवि निर्मल व पूनम को शादी की हार्दिक बधाई देते हुए गाँव के लोग उनके सुखमय जीवन की कामना करते हैं।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."