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16 March 2025 1:54 am

जिला चिकित्सालय में डाक्टरों की मनमानी ; प्रसूता की मौत, फोन तक नहीं उठाए महिला विशेषज्ञ चिकित्सक

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट- जिला अस्पताल मरीजों का कब्रगाह बनता जा रहा है कभी रेफर तो कभी अस्पताल में ही इलाज के दौरान मरीज दम तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं लेकिन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की मनमानी के चलते चिकित्सक लापरवाही करने से बाज नहीं आते हैं l

जिला चिकित्सालय में लापरवाही की हदें उस समय पार हो गईं, जब डिलीवरी के दौरान प्रसूता की हालत बिगड़ने पर महिला विशेषज्ञ ने फोन नहीं उठाया। परिजन और सीएमएस खुद उनके आवास पहुंचकर दरवाजा खटखटाते रहे और चिल्लाते रहे, फिर भी चिकित्सक ने दरवाजा नहीं खोला। इस लापरवाही के चलते प्रसूता ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया।

मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में हंगामा काटा। सूचना पर पहुंचे सीओ सिटी व सदर कोतवाल ने किसी तरह स्थिति को संभाला। परिजन चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद ही शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने पर अड़े हुए हैं।

पहाड़ी थाने के लोहदा निवासी शुभांसु मिश्र मुख्यालय के बलदाऊगंज में अपने निजी मकान में रहते हैं। शुभांसु की दिसंबर 2020 में शादी हुई है, उनकी 22 वर्षीया पत्नी रोशनी को पहली डिलीवरी होनी थी। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार को दर्द होने पर वह सुबह नौ बजे व दोबारा दोपहर एक बजे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। महिला विशेषज्ञ डा. रफीक अंसारी ने देखने के बाद नार्मल डिलीवरी होने की बात कही। रात करीब नौ बजे दर्द बढ़ने पर वह रोशनी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे और भर्ती कराया। इसके बाद डा. रफीक अंसारी को फोन किया, उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। वह प्रसूता को देखने अस्पताल नहीं पहुंचे। शनिवार को तड़के रोशनी की डिलीवरी हुई और बेटी को जन्म दिया, लेकिन उसकी बच्चेदानी की पूरी थैली बाहर आते ही हालत बिगड़ गई। स्टाफ नर्स ने सीएमएस को जानकारी दी। महिला विशेषज्ञ डा. रफीक अंसारी को फोन करने पर उन्होंने नहीं उठाया। हालत बिगड़ती देख परिजन व सीएमएस डा. राजेश खरे खुद महिला विशेषज्ञ के आवास पहुंचे और दरवाजा खटखटाया। काफी देर तक आवाजें लगाईं लेकिन वह बाहर नहीं निकले। इधर प्रसूता ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया।

मौत की खबर मिलते ही परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। वरिष्ठ भाजपा नेता जगदीश गौतम, भाजयुमो जिलाध्यक्ष हीरो मिश्रा आदि मौके पर पहुंच गए। हंगामे की जानकारी मिलने पर पहुंचे सीओ सिटी शीतला प्रसाद पांडेय व सदर कोतवाल राजीव सिंह ने स्थिति को संभाला। मृतका के मायके पक्ष के लोग भी अस्पताल पहुंच गए थे। परिजन लापरवाही बरतने वाले डाक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने पर अड़े हुए है। सीएमएस का कहना है कि चिकित्सक ने लापरवाही की है। उन्होंने कहा कि खुद उनके बुलाने पर नहीं आए, वह इस मामले में कार्रवाई करेंगे।

*मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का चलता रहा ड्रामा, प्रसूता झूली मौत के मुंह में*

ज़िला चिकित्सालय में देर रात चिकित्सको की लापरवाही से प्रसव के दौरान प्रसूता की मौत हो गई महिला रोग विशेषज्ञ डॉ रफीक़ अंसारी ने कहा उग्र परिजनों ने उनके आवास में उनकी गाड़ी पर की तोड़फोड़ और डॉ अंसारी के परिवार पर जानलेवा हमला किया डॉ रफीक़ का कहना मेरी रात्रि ड्यूटी नहीं थी तो आखिर मेरे साथ ऐसा दुर्व्यवहार क्यों किया जा रहा है यह चिकित्सालय प्रबंधन की ज़िम्मेदारी है सीएमएस डॉ राजेश खरे खुद सर्जन है और इनकी पत्नी डॉ संध्या खरे खुद स्त्री रोग विशेषज्ञ है l

सवाल यह उठता है कि डॉ खरे रात्रि में प्रसूता को मरने के लिए छोड़ दिया ये जिम्मेदारी निभाने की जगह सीएमएस ड्रामा रचते दिखे और सारा ठीकरा डॉ अंसारी पर फोड़ डाला l

वहीं सदर विधायक अनिल प्रधान प्रसूता की मौत पर लापरवाह चिकित्सको के ऊपर कार्यवाही की मांग की व यह भी कहा कि अगर लापरवाह चिकित्सको के ऊपर कार्यवाही नहीं हुई तो इस मुद्दे को सदन में उठाया जाएगा l

मृतक प्रसूता को न्याय दिलाने में जाँच अगर सही दिशा पर हुई तो आरोपी मृतक प्रसूता के परिवार को न्याय मिल पायेगा और आपातकालीन स्थिति के लिए अस्पताल प्रशासन को अन्य स्त्री रोग विशेषज्ञ को तैनात करना चाहिए जिससे प्रसूताओं की मौत न हो सके l

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."