विकास और फरजाना हबीब की रिपोर्ट
लुधियाना। अट्टी गांव में 85 साल की महिला की गंडासी मार-मारकर हत्या कर दी गई। बुजुर्ग जीतो के सिर में इतने जख्म थे कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। कत्ल के समय मां-बेटी ही घर में थीं। हत्यारोपी के पिता की मौत हो चुकी है जबकि पति बच्चों को लेकर धार्मिक स्थल पर गया था। हत्यारोपी इकलौती बेटी सत्या (50) ने खूब ड्रामा किया। अलमारी और लोहे के संदूक का सामान उठाकर फेंक दिया।
बोली- लुटेरे मां की हत्या कर गए हैं। टाइमिंग के सवाल-जबाव में उसकी पोल खुल गई। पहले बोली- तड़के 3 बजे लुटेरे आए थे और फिर बोली कि 7 बजे आए थे। घर में कोई लूट नहीं की गई थी।
पुलिस सत्या को थाने लाई तो उसने पहले रोते हुए कहा कि ‘मैं कत्ल नहीं कित्ता।’ थोड़ी देर बाद मान गई और बोली- ‘मेरी मां लड़ाकी सी, पैसे नूं लै के गालां कडदी सी। इस लई गुस्से विच गंडासी मार-मारकर के उस नूं मार दित्ता।’ एसएचओ बलविंदर सिंह ने कहा कि सत्या के खिलाफ कत्ल का केस दर्ज कर उसे अरेस्ट कर लिया गया है। हत्या में प्रयुक्त गंडासी बरामद करवा ली जाएगी।
3 दिन से जीतो महिलाओं से कह रही थी- बेटी ने जान से मार देना है, लोग माने नहीं
सुबह करीब 7 बजे अट्टी गांव की रहने वाली सत्या रोती हुए सड़क पर आ गई। बोली, मां की किसी ने हत्या कर दी। पुलिस कंट्रोल रूम में सरपंच सोहन लाल ने कॉल करके सूचना दी तो डीएसपी हरलीन सिंह और एसएचओ बलविंदर सिंह क्राइम सीन पर पहुंच गए।
कत्ल की चश्मदीद गवाह के तौर पर उसकी 50 साल की बेटी सामने आई। बोली- लुटेरे हत्या कर गए हैं। अलमारी और ट्रक खुले मिले। सामान इधर-उधर बिखरा हुआ था, मगर कोई चीज गायब नहीं थी। जीतो की लाश लॉबी में पड़ी थी। सारा फर्श खून से सना था।
सत्या से पुलिस ने सवाल-जबाव किए तो वह जांच के दायरे में गई। उसे कस्टडी में लेकर पुलिस घर से बाहर ले गई। घर के बाहर लोग जमा थे। उन्हें देख कर फूट-फूट कर रोने लगी। सड़क पर लेट गई, मगर लेडी कांस्टेबल उसे किसी तरह उठाकर कार में बैठा थाने ले गई।
गांव के सरपंच सोहन लाल ने कहा जीतो के पति लक्ष्मण की करीब तीन साल पहले रेलगाड़ी के नीचे आकर मौत हो चुकी है। सत्या उनकी इकलौती बेटी है। शादी के बाद वह पति संग मां के साथ ही रहती थी। सत्या के तीन बच्चे हैं।
गांव की महिलाएं कह रही थी कि जीतो तीन दिन से कह रही थी कि मेरी बेटी ने मुझे जान से मार देना है, मगर किसी ने जीतो की बात पर यकीन नहीं किया। लोगों ने बताया कि जीतो ने यह भी कहा था कि पैसे के लिए उससे झगड़ा करती है। दोनों मां-बेटी झगड़ालू थीं तो लोग जीतो की बात को हल्के में ले गए।
गांववासियों ने किया परिवार का बायकॉट
सत्या के 17 और 10 साल के दो बेटे और 12 साल की बेटी है। सत्या की बिंदर से दूसरी शादी हुई है। इकलौती औलाद होने के चलते वह परिवार समेत मां के घर में ही रह रही थी। मां का कत्ल उसने इतनी बेदर्दी से किया कि खून के छींटे घर की दीवार और छत तक पहुंच गए थे।
गांववासियों ने कहा कि बेशक पुलिस ने सत्या को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन वे उसके परिवार और पति का पूरी तरह बायकाॅट करेंगे। उन्होंने बताया कि सत्या ने अपने परिवार समेत घूमने के लिए नई कार और बाइक रखी हुई थी, जबकि मां जीतो पर रोज अत्याचार करती थी। जब भी कोई गांववासी उसे ऐसा करने से रोकता तो वह उन्हें बुरा-भला कहती थी। उसका पति और बच्चे भी अपनी आंखों के सामने बुजुर्ग पर अत्याचार होते देखते थे। इसलिए वे उन सभी का बायकाॅट करते हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."