चित्रकूट ब्यूरो रिपोर्ट
चित्रकूट- विकास कार्यों के नाम पर सरकारी धन का बंदरबाट करने वाले सरकारी कर्मचारी व ठेकेदार अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए किस हद तक गिर सकते हैं यह किसी से छिपा नहीं है सरकारी विभागों व ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार की खबर को प्रकाशित करना एक पत्रकार को मंहगा पड गया जिसमें वन विभाग के सरकारी कर्मचारी व पूर्व प्रधान सहित सचिव व ठेकेदार ने साजिश के तहत ऐसी घटना को अंजाम दिया जिसे सुनकर लोगों की रूह कांप जाती है l
चित्रकूट जिले के वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता संजय सिंह राणा बीते 14 अगस्त 2021 को समाचार संकलन के लिए रामनगर विकास खण्ड गए हुए थे जहां से घर वापस लौटते समय रामनगर व देऊंधा गांव के बीच में राष्ट्रीय राजमार्ग पर वन विभाग के सरकारी कर्मचारी व पूर्व प्रधान सहित सचिव व ठेकेदारों ने मिलकर जान से मारने की नीयत से एक्सीडेंट करा दिया जिसमें पत्रकार को गंभीर चोटें आई हैं जिसमें पत्रकार का दाहिना पैर जांघ से टूट गया था व घुटनों के ऊपर से कट गया था जिसका इलाज़ अभी भी चल रहा है l
पत्रकार संजय राणा का एक्सीडेंट कराने में वन विभाग के प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी आर के दीक्षित, जितेंद्र प्रताप सिंह वन दरोगा रैपुरा रेंज, विजय मोहन उर्फ़ पिंटू बाबू रैपुरा रेंज, रामनगर विकास खण्ड में तैनात सचिव सनत कुमार, पूर्व प्रधान रामनगर राजकरन, ठेकेदार लवलेश मिश्रा पुत्र रमेश मिश्रा निवासी बरिया ठेकेदार अतुल कुमार मिश्रा पुत्र द्वारिका प्रसाद मिश्रा निवासी देवहटा/गोबरौल का हाथ था l
पत्रकार संजय राणा का एक्सीडेंट कराने के लिए दो गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया था जिसमें दोनों को एक साथ एक्सीडेंट करना था लेकिन टाइमिंग गलत हो जाने के कारण दोनों गाडियां थोड़ी थोड़ी देर से पहुंची टाइमिंग गलत होने के चलते एक्सीडेंट महिंद्रा कमांडर जीप से हो गया था एक्सीडेंट में जिस महिंद्रा कमांडर जीप का इस्तेमाल किया गया था उस गाड़ी के मालिक का नाम कृष्ण कुमार द्विवेदी है जो कि पियरिया माफी छीबों का निवासी है वहीं दूसरी गाड़ी महिंद्रा बोलेरो है जो विद्या भूषण पांडेय निवासी छीबों के नाम पर रजिस्टर्ड है l
14 अगस्त 2021 को शाम 5 बजे से साढ़े पांच बजे के बीच योजनाबद्ध तरीके से एक्सीडेंट कराया गया था जिसमें कृष्ण कुमार द्विवेदी की महिद्रा कमांडर जीप ने एक्सीडेंट किया व विद्या भूषण पांडेय की बोलेरो गाड़ी ड्राइवर को लेकर मौके से फरार हो गई जिस बोलेरो गाड़ी में बैठ कर ड्राइवर भागा था वह विद्याभूषण पांडेय की है जिसमें ठेकेदार लवलेश मिश्रा का छोटा भाई अखिलेश मिश्रा अभी भी चलता है l
भरोसे पर खरा नहीं उतर पा रहा पुलिस प्रशासन
पुलिस अधीक्षक ने कहा आन लाइन शिकायत पर होगा तुरंत निदान, पीड़ित पत्रकार ने आन लाइन व आफ़ लाइन दोनों तरह से दिया शिकायती पत्र लेकिन अभी तक पुलिस नहीं निकाल पाई समाधान।
वहीं जब पीड़ित पत्रकार ने मुख्यमंत्री जन सुनवाई पोर्टल पर आन लाइन शिकायत दर्ज कराई तो उपरोक्त मामले की जांच कर रहे रैपुरा कोतवाली के उप निरीक्षक शिव कुमार त्रिपाठी द्वारा गलत रिपोर्ट लगाकर मामले को रफा दफा करने की कोशिश की गलत रिपोर्ट आख्या लगाए जाने के कारण पीड़ित पत्रकार ने पुनः शिकायत की जिसमें क्षेत्राधिकारी कार्यालय राजापुर द्वारा भी गलत जांच रिपोर्ट आख्या लगाकर गुमराह करने का काम किया गया जबकि मौके पर सही तरीके से जांच ही नहीं की गई है l
उप निरीक्षक शिव कुमार त्रिपाठी द्वारा लगाई गई आख्या पूरी तरह झूठी हैं रिपोर्ट आख्या में उप निरीक्षक शिव कुमार त्रिपाठी द्वारा पत्रकार का एक्सीडेंट हो जाने के बाद जिला चिकित्सालय ले जाने का जिक्र है जबकि पीड़ित पत्रकार को जिला चिकित्सालय ले ही नहीं जाया गया है वहीं दूसरी ओर उप निरीक्षक शिव कुमार त्रिपाठी ने यह भी रिपोर्ट लगाई है कि कृष्ण कुमार द्विवेदी की महिंद्रा कमांडर जीप से एक्सीडेंट हुआ है लेकिन उप निरीक्षक द्वारा दूसरी गाड़ी बोलेरो का जिक्र ही नहीं किया गया है जो विद्या भूषण पांडेय की है जिसमें ठेकेदार लवलेश मिश्रा का छोटा भाई अखिलेश मिश्रा अभी भी चलता है l
वहीं दूसरी ओर पुलिस अधीक्षक महोदय चित्रकूट द्वारा पीड़ितों को आन लाइन आवेदन देकर शिकायत दर्ज करने का आश्वासन दिया जाता है कि पीड़ित आन लाइन शिकायत करे जिसमें तुरन्त कार्यवाही होगी लेकिन पीड़ित पत्रकार संजय राणा द्वारा 01 मार्च 2022 को व्हाट्स ऐप व ट्विटर के माध्यम से शिकायत भेजी गई वहीं 03 मार्च 2022 को पीड़ित पत्रकार के घर रैपुरा पुलिस के उप निरीक्षक शिव कुमार त्रिपाठी व पुलिस कर्मी दीपक कुशवाहा आए और नोटिस देते हुए बोले कि आपने आन लाइन शिकायत की थी जिसमें मुकदमा दर्ज नहीं हो सकता आप एक लिखित शिकायत दीजिए मुक़दमा दर्ज हो जाएगा जिसमें पीड़ित पत्रकार ने लिखित शिकायत दी वहीं फ़िर रैपुरा थाने आकर शिकायती पत्र देने को कहा गया जिसमें पीड़ित ने 16मार्च2022 को रैपुरा थाने जाकर शिकायती पत्र दिया जिसपर अभी तक एफ आई आर नहीं लिखी गई है वहीं क्षेत्राधिकारी राजापुर कार्यालय से पीड़ित पत्रकार को फोन के माध्यम से कहा गया कि आप थाना रैपुरा जाइए आपकी एफ आई आर दर्ज़ हो जाएगी जिसमें पीड़ित पत्रकार आज दिनांक 28 मार्च 2022 को पुनः थाना रैपुरा पहुंचा जहां पर क्षेत्राधिकारी कार्यालय से एफ आई आर के विषय में थाना प्रभारी से बताया गया लेकिन थाना पहुंचने के बाद भी पीड़ित पत्रकार की अभी तक एफ आई आर नहीं लिखी गई है।
पीड़ित पत्रकार इलाज के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहा है वहीं रैपुरा पुलिस द्वारा बार बार थाने बुलाकर परेशान करने का काम किया जा रहा है। पीड़ित पत्रकार चलने में असमर्थ है जिसके कारण चार पहिया वाहन में आता जाता है जिसमें दो बार रैपुरा थाने जाने में चार हजार रुपए का खर्च आ गया है। अगर पुलिस द्वारा परेशान न किया जाता व बार बार थाने नहीं बुलाया जाता तो शायद उसी चार हजार रुपए में पीड़ित अपना इलाज करा लेता l
सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि एक तरफ पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा आन लाइन शिकायत करने पर निदान होने का भरोसा दिलाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर पत्रकार संजय राणा को बार बार थाने बुलाए जाने के बाद भी एफ आई आर नहीं लिखी जा रही है । आखिर पत्रकार संजय राणा के एक्सीडेंट मामले में पुलिस प्रशासन द्वारा दोहरा चरित्र क्यों दिखाया जा रहा है ?
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."