जावेद अंसारी की रिपोर्ट
लखनऊ: राजधानी के फैमिली कोर्ट में पत्नियों की अदला-बदली (वाइफ स्वैपिंग) का पहला मामला सामने आया है। पारिवारिक न्यायालय में पति ने पत्नि से तलाक की अर्जी लगाई है। राजेश और दिनेश (नाम काल्पनिक हैं) दोनों कॉलेज से साथ थे। दोनों दोस्तों में पहले अच्छे संबंध थे। इसीलिए दोनों दोस्त आपसी सहमति से एक-दूसरे की पत्नी की अदला-बदली करते थे। कई बार दोनों कपल ने दोस्ती यारी में वाइफ स्वैपिंग की जिसमें चारों की सहमति थी। लेकिन राजेश की पत्नी की फीलिंग दोस्त दिनेश के प्रति ज्यादा बढ़ गई और दोनों के बीच ज्यादा अटैचमेंट हो गई।
दोस्त से नजदीकियां बढ़ने के बाद पत्नी अपने पति (राजेश) से किनारा करने लगी। यह बात राजेश को बर्दाश्त नहीं हुई और पत्नी के बीच मनमुटाव बढ़ने लगा। आए दिन दोनों के बीच खूब झगड़े होने लगे। लंबे समय तक झगड़ा चलने के बाद राजेश ने अपनी पत्नी से तलाक के लिए कहा। लेकिन राजेश की पत्नी तलाक नहीं देना चाहती है। वहीं वह दिनेश (दोस्त) के साथ भी रहना चाहती है। लेकिन राजेश (काल्पनिक नाम) अब चाहता है कि पत्नी सिर्फ मेरे साथ रहे या फिर डिवोर्स ले लें।
राजधानी के फैमिली कोर्ट का पहला केस
राजधानी के परिवारिक न्यायालय में एक शख्स ने अपनी पत्नी से तलाक के लिए अर्जी डाली। इसमें तलाक का आधार पत्नी के क्रूरतापूर्व व्यवहार को बताया है। स्वैपिंग के दौरान दोस्त से पत्नी की नजदीकी के चलते एक शख्स ने अपनी पत्नी से अलग होने का फैसला कर लिया है। यही नहीं उसने परिवारिक न्यायालय में पत्नी से छुटकारा पाने के लिए तलाक की अर्जी भी दे दी है। लेकिन किसी भी कानून की किताब में पत्नी की अदला-बदली के मामले में तलाक हो ऐसा नहीं लिखा है। तलाक के लिए कोई दमदार वजह होनी चाहिए जिस कारण से तलाक लिया जा सके। दरअसल याची और उनके मित्र आपसी सहमति से एक दूसरे की पत्नियों की अदला-बदली (वाइफ स्वैपिंग) करते थे जिसमें चारों की सहमति होती थी।
वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धांत कुमार ने बताया कि वाइफ स्वैपिंग का मामला कोई आम बात नहीं है। इस तरीके के केस जब आते हैं तो कई बार हमें भी नहीं पता चलता है कि यह मामला वाइफ स्वैपिंग का है। लेकिन, जब केस को लड़ते हैं, वाद-विवाद बढ़ता है, दलीलें पेश होती हैं। उस समय पता चलता है कि असली वजह कुछ और है। इस तरह के मामले व्यक्ति के चरित्र को दर्शातें है। इसलिए जो भी केस आते हैं, वह खुलकर कभी नहीं बोलते हैं। बल्कि पति या पत्नी एक-दूसरे के क्रूरतापूर्ण व्यवहार को ही ढाल बनाते हैं। अधिवक्ता ने बताया कि हिंदू विवाह कानून में सेक्शन 311 में पति-पत्नी के बीच क्रूरता का जिक्र है। विवाह में क्रूरता को जब परिभाषित किया जाता है तो यह भी सोचना होता है कि कितना गंभीर मामला है और आरोप क्या लगे हैं। उन्होंने बताया कि सबसे अहम बात यह हो जाती है कि अगर क्रूरता का आरोप लगाया गया है तो किस प्रकार की क्रूरता है और कितनी बार क्रूरता दोहराई गई है।
वाइफ स्वैपिंग क्या है?
पहले लोग मानते थे कि वाइफ स्वैपिंग विदेशी कल्चर है, लेकिन अब यह कई शहरों में फैल चुका है। हाई प्रोफाइल लोगों को इसमें कोई बुराई नजर नहीं आती है। वे इसे सिर्फ सेक्स प्लेजर के रूप में देखते हैं। ये बड़े लोग किसी पार्टी में आते तो अपनी पत्नियों के साथ हैं, लेकिन घर किसी और की पत्नी के साथ जाते हैं। इन्हें वाइफ स्वैपिंग के लिए कोई गिल्ट नहीं होता है। पहले बडे होटल में सेक्रेट पार्टी की जाती है फिर एक बाऊल में सभी पुरुष अपने कार की चाबी डाल देते हैं। बाद में पत्नियों को वह चाबी उठानी पड़ती है। अब जिस पत्नी को जिस पुरुष के कार की चाबी मिलती है उसे उसके साथ जाना पड़ता है। कई बार वाइफ स्वैपिंग अपनी शादी को बचाने के लिए भी करते है। वहीं, कभी-कभी पत्नी की मर्जी न हो तो भी उसे पति की वजह से जबरन इन सब में शामिल होना पड़ता है, कई पत्नियों को तो पहली बार धोखे से पति साथ ले जाते हैं। इस पर कई फिल्में बन चुकी हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."