दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
झांसी। सभी पत्रकार साथी एकजुट होकर जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने का प्रयास करे।सभी के सहयोग से ही यह संभव हो सकता है। पत्रकारों पर हो रहे हमले और उनकी हत्याओं को सरकार नजर अंदाज कर रही है। अब इसके लिए सभी संगठनो को संयुक्त प्रयास करना होगा। यह विचार एक गोष्ठी के दौरान पत्रकारों की संस्था जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया( रजि.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने रखे।
उन्होने कहा कि आज आवश्यता है कि पत्रकार जन सरोकार की पत्रकारिता करे जिससे उन्हे वह सम्मान प्राप्त हो जिसके वह अधिकारी है।चापलूसी और पीत पत्रकारिता से बचे।
अनुराग सक्सेना ने कहा कि आज सभी लोग मीडिया बदलाव की बात तो करते हैं पर इनमें कोई भी बदलना नहीं चाहता। सभी एक ही नाव पर सवार हैं पर स्थिति तो डावाडोल और नाजुक है। जो आम जनमानस की आवाज़ है वही कराह रही है तो कौन खड़ा होगा समाज को आइना दिखाने के लिए? सरकार और सरकार के कार्यों पर कौन रखेगा नज़र? हमारी और आपकी परेशानियों को सरकार तक कौन पहुंचायेगा? विद्यार्थियों, कामगारों और आम जनता की आवाज कौन बनेगा? अब भी वक़्त है कि हम संभल जायें, चकाचौंध, टीआरपी की दौड़ और पैसों के पीछे न भाग कर हम निष्पक्ष पत्रकारिता पर ध्यान दें तो शायद लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ खोखला होने से बच जाये। और पत्रकारों को अपना खोया हुआ सम्मान बापस मिल जाये।आज चाटुकारिता ने हमे दलालों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है।कोई भी कहीं भी हम पर आक्रामक हो जाता है क्यों। इस पर सरकारों का लगातार पत्रकारों की मांगो को नजरअंदाज करना यही दर्शाता है कि हम भी अपने रास्ते और लक्ष्य से भटक चुके है।
पत्रकारिता और पत्रकारों को अपना खोया हुआ सम्मान बापस लाने के लिए जन सरोकार की पत्रकारिता से जुड़ना होगा। आज पत्रकार निष्पक्ष पत्रकारिता करने से डरता है उसे निष्पक्ष और निर्भीक होकर पत्रकारिता करने के लिए जरूरी है कि देश में अब जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो।इसके लिए अब हमे अपनी एकता कलम के माध्यम से दिखानी होगी।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."