हीरा मोटवानी की रिपोर्ट
रायगढ़। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि रायगढ़ के नक्शे में ढिमरापुर चौक से जिंदल की ओर जाने वाली सड़क और ढिमरापुर चौक से कोतरा रोड बाईपास सड़क राजस्व विभाग की मेहरबानी से गायब कर दी गई है। और अब यहां जमीन मालिकों में लठम लट्ठा हो रहा है। मजे की बात यह है जिसे स्टेट हाईवे क्रमांक 200 कहा जाता है उस स्टेट हाईवे को ही नक्शे से गायब कर दिया गया है।
जिस सड़क पर ओवर ब्रिज बन रहा है वह सड़क भी नक्शे में नहीं है और आज से लगभग 50 साल पहले 1973 भूमि अधिग्रहण करके बनाई गई भगवानपुर रोड भी नक्शे में नहीं है। न तो चांदा मुनारा है न ही उसका उपयोग कोई राजस्व अधिकारी करता है और न ही उनके पास कोई पुराना रिकार्ड है।
कहने को तो प्रति दो तीन वर्ष में नक्शों का नवीनीकरण किया जाता है और अब तो डिजिटल नक्शे भी अपलोड कर दिए गए हैं जिनमें लगातार दुरुस्ती करण किया जाता है। परंतु उस डिजिटल नक्शे में भी रोड नहीं है जिसके कारण मुआवजा ले चुके किसान उस सड़क में गयी जमीन जो सरकारी गलती से उनके रिकार्ड से नहीं हटायी गयी है उस बचे हुए रकबे को बेच रहे हैं और यहां के राजस्व अधिकारी उनके बताए हुए कहानी के आधार पर वहां सरकारी जमीन पर उनकी जगह बना रहे हैं और बिक्री नकल दे रहे हैं।
वैसे भी रायगढ़ में राजस्व विभाग कहानी किस्तों पर ही केस बनाता रहा है यहां पर कागजों की कोई कीमत नहीं है। यहां जो कागज चलते हैं वह किसी से छिपे हुए नहीं है इन रंग-बिरंगे कागजों के कारण ही आज पूरा प्रदेश रायगढ़ के कारण आंदोलित है।
अधिवक्ता गण धरने पर बैठे हैं और मांग कर रहे हैं कि राजस्व विभाग से न्यायपालिका का काम छीना जावे और राजस्व के प्रकरण जिला न्यायालय में चलाए जाएं।
जानकारों की माने तो कई प्रदेशों में इसी तरह से व्यवस्था है परंतु हमारे प्रदेश में इस कमाऊ पूत विभाग को हर सरकार जिंदा रखना चाहती है क्योंकि मंत्रियों संतरियों के खर्चे इसी विभाग से चलते हैं।
यहां जो भी अधिकारी बैठता है वह अपने हिसाब से विभाग को चलाता है, कानून की व्याख्या करता है, कानून को तोड़ता है और एक तानाशाह की तरह किसी की भी जमीन छीनकर किसी को भी दे देता है। यहां पैसे वालों का बोलबाला है, दलालों की भीड़ है ,और ऐसे-ऐसे कारनामे हुए हैं जिन पर पूरा उपन्यास लिखा जा सकता है अब देखना यह है कि कान में रुई डाल कर के बैठे हुए उच्चाधिकारी और राजस्व मंत्री इन दो सड़कों को वापस नक्शे में कैसे और कब अंकित करवा पाते हैं।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब तक राजस्व विभाग की नकेल नहीं कसेंगे तब तक प्रदेश की जनता इसी तरह दुखी होती रहेगी।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."