राकेश सूद की रिपोर्ट
शोले फिल्म का एक ऐसा सीन जिसने चंडीगढ़ के सुखदेव का साइकिल चलाने का स्टाइल ही बदल दिया। सुखदेव आम लोगों की तरह सीधे की बजाए उल्टा होकर साइकिल चलाते हैं। जिसे देखकर हर कोई हैरत में पड़ जाता है। हैरानी की बात यह है कि उनका कभी उल्टा साइकिल चलाते वक्त कभी एक्सीडेंट भी नहीं है।
चंडीगढ़ फायर ब्रिगेड विभाग के कर्मी सुखदेव सिंह शोले फिल्म में धर्मेंद्र को उल्टे होकर साइकिल चलाते देख काफी प्रभावित हुए थे।
लुधियाना में धर्मेंद्र के गांव से कुछ ही किलोमीटर दूरी पर सुखदेव सिंह का घर है। स्कूल से भाग कर 13 साल की उम्र में सुखदेव सिंह ने जगत थियेटर में शोले फिल्म देखी थी। सुखदेव बताते हैं कि फिल्म में धर्मेंद्र हेमा मालिनी को रिझाने के लिए गाना गाते हैं…. कोई हसीना जब रुठ जाती है तो…।
इसी सीन को देख उन्हें भी उल्टे साइकिल चलाने का शौक लगा। करीब 35 सालों से वह रोजाना सुबह और शाम उल्टे होकर साइकिल चलाते आ रहे हैं। उनका घर मोहाली फेज 11 में है। वह सेक्टर 38 फायर स्टेशन में काम करते हैं। सुबह और शाम उनका रुटीन साइकिल पर ऑफिस आने-जाने का है। काम होने पर वह कई बार सेक्टर 17 फायर ब्रिगेड के मुख्य दफ्तर भी वह साइकिल चलाते पहुंच जाते हैं।
30 किलोमीटर तक करते हैं साइकिलिंग
वह रोजाना लगभग 30 किलोमीटर उल्टे होकर साइकिल चलाते हैं। इसी कारनामे के चलते उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड 2013 में दर्ज हुआ था। इसके अलावा इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी उनका नाम है। उनका सपना गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाना है। शहर की व्यस्त सड़कों पर 35 सालों से वह साइकिलिंग कर रहे हैं। पंजाब और चंडीगढ़ से उन्हें वर्ष 1993 से उल्टी साइकिल चलाने की मंजूरी मिली हुई है।
52 साल की उम्र में भी सुखदेव सिंह पूरी तरह से फिट हैं। सुखदेव सिंह कहते हैं कि उनकी कोई विशेष डाइट नहीं है। वह सुबह ब्रेकफास्ट नहीं करते। 10 या 11 बजे सुबह जूस के तीन गिलास पी जाते हैं। इसके बाद रुटीन में दोपहर और रात का खाना खाते हैं। पहले वह नॉनवेज भी खाते थे, मगर अब वह पूरी तरह वेजिटेरियन हैं।
सुखदेव ने कहा कि वह इतनी सटीकता से उल्टी साइकिल चलाते हैं कि कभी उनका एक्सीडेंट नहीं हुआ। कई बार उन्हें ट्रैफिक पुलिस कर्मी रोक लेते हैं तो वह सर्टिफिकेट दिखा देते हैं। उनके परिवार में सभी उनका इस साइकिलिंग में सपोर्ट करते हैं। धर्मेंद्र को अपना गुरु मानने वाले सुखदेव सिंह कहते हैं कि उ
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."