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November 1, 2024 8:09 pm

पशोपेश में है दुनिया ; त्रासदी झेल रहे हैं आम आदमी

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शशांक मिश्र की रिपोर्ट

वाशिंगटन: यूक्रेन में रूस की सीमा से लगते सूमी शहर पर रूसी सैनिकों के कब्जे के बाद कम से कम 400 भारतीय छात्रों ने एक तहखाने में शरण ली है और भारत सरकार से उन्हें निकालने की अपील की है। इनमें अधिकतर सूमी स्टेट मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं। उन्होंने कहा कि बाहर गोलियों की आवाजें सुनाई देने के कारण उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है।

छात्र ललित कुमार ने कहा कि इस वक्त हम अपने छात्रावास के तहखाने में छिपे हुए हैं और हमें नहीं पता कि यहां हम कब तक सुरक्षित रह पाएंगे। हम भारत सरकार से हमें यूक्रेन के पूर्वी इलाके से सुरक्षित निकालने की अपील करते हैं। 

 

उन्होंने कहा कि अपने आप यात्रा करना संभव नहीं है। यहां मार्शल लॉ लागू है, जिसका मतलब है कि कोई बाहर नहीं जा सकता, कार, बस और निजी वाहन नहीं निकल सकते। एटीएम और सुपर मार्केट भी बंद हैं। 

छात्रों ने उस तहखाने का वीडियो भी साझा किया जहां वे छिपे हुए हैं। कुमार ने कहा कि हमारे पास यहां ज्यादा सामान नहीं है कि हम लंबे समय तक यहां नहीं टिक पाएंगे। भारत सरकार हमारी आखिरी उम्मीद है….हम अपने देश वापस जाना चाहते हैं और अपने लोगों से मिलना चाहते हैं। हमारी मदद कीजिए। 

बाइडन ने जोर देकर कहा कि अगर उनके रूसी समकक्ष को अभी नहीं रोका गया, तो उनका हौसला बढ़ेगा। बाइडन ने कहा कि पुतिन से बात करने की उनकी कोई योजना नहीं है, लेकिन उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि अमेरिका, यूक्रेन के लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए मानवीय राहत प्रदान करेगा।

बाइडन ने वीरवार को व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर वह (पुतिन) नाटो देशों में घुसे, तो हम हस्तक्षेप करेंगे। मुझे केवल एक बात पर यकीन है कि अगर हमने उन्हें अभी नहीं रोका तो उनका हौसला बढ़ेगा। अगर हमने उनके खिलाफ अभी कड़े प्रतिबंध नहीं लगाए तो उनका हौसला बढ़ेगा।

 

बाइडन ने इस दौरान रूस के खिलाफ कई बड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा भी की। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह एक बड़े संघर्ष का रूप ले चुका है। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बीच, अमेरिका ने अपने नाटो सहयोगियों की रक्षा के लिए विशेष रूप से पूर्वी यूरोप में अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया है। बाइडन ने दावा किया कि यूक्रेन में पुतिन की महत्वाकांक्षाएं काफी बड़ी हैं। गौरतलब है कि रूसी सेना ने व को यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया था, जो शुक्रवार को भी जारी है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."