पूर्णिमा सचान की रिपोर्ट
अशोकनगर में सरकारी डॉक्टर दंपती को अपनी दो बेटियों के साथ मंदिर में रुकना पड़ रहा है। उनसे उनके सरकारी आवास को नई बिल्डिंग बनवाने के चलते खाली करवा लिया गया। अब डॉक्टर फैमिली मंदिर में रहने काे मजबूर है।
कुछ दिन पहले डॉक्टर योगेंद्र सिंह और उनकी पत्नी डॉ. नीलिमा को आवास खाली कराने के लिए नोटिस मिला था। दोनों डॉक्टर मुंगावली अस्पताल में ही तैनात हैं। उन्होंने दूसरे आवास के लिए प्रशासन से मदद मांगी, लेकिन इसकी कहीं सुनवाई नहीं हो सकी। जब कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान देवास आए थे, तो वे वहां उनसे मिलने गए थे, लेकिन अधिकारियों ने डॉक्टर सिंह को CM से मिलने नहीं दिया।
हनुमान मंदिर में डेरा जमाया
आखिर में परेशान होकर डॉक्टर योगेंद्र और नीलिमा अपनी दोनों बेटियों के साथ सरकारी आवास खाली करके 5 किमी दूर पंचपिपली के हनुमान मंदिर में रहने चले गए। रविवार को उन्होंने अपना सामान मंदिर में रख दिया। सिंधिया से भी फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
डॉक्टर ने बताया कि कुछ दिन पहले नोटिस मिला। हमने अधिकारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि नई बिल्डिंग को पुराने बिल्डिंग से जोड़ना है, इसलिए घर खाली करें। कलेक्टर से मैंने दूसरे घर के लिए कहा, क्योंकि मेरी पत्नी महिलाओं की डॉक्टर हैं, उसे रात में भी काम करते रहना पड़ता है। कलेक्टर ने मकान के लिए मना कर दिया।
SDM राहुल गुप्ता ने बताया कि वहां हॉस्टल बनना है। हमारे लिए पहले अस्पताल पहली जिम्मेदारी है, इसलिए हमने उन्हें घर खाली करने के लिए समझाया। जब वो नहीं माने तो उन्हें बेदखली का नोटिस दिया। बाकी डॉक्टर्स भी अपने-अपने तरीके से रह रहे हैं। रही बात दूसरे आवास की तो जरूरी नहीं है कि हमेशा आवास मिले, अगर खाली होगा तो आवास जरूर दिया जाएगा।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."