अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में देश-दुनिया के असंख्य श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित तमाम राजनेता, संत-महात्मा और उद्योगपति भी इस आध्यात्मिक महोत्सव का हिस्सा बन रहे हैं। इसी क्रम में देश के प्रमुख उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी अपने परिवार के साथ महाकुंभ पहुंचे। लेकिन इस दौरान एक रोचक घटना सामने आई, जब उनके काफिले को प्रशासन द्वारा मेला क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।
अंबानी के काफिले पर प्रशासन की सख्ती
मुकेश अंबानी ने महाकुंभ में अपने पूरे परिवार के साथ त्रिवेणी संगम में स्नान और पूजन करने की योजना बनाई थी। उनके आगमन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद कर दी गई थी। बताया जा रहा है कि अंबानी के काफिले में 50 गाड़ियों को मेला क्षेत्र में प्रवेश देने की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में गाड़ियों को अनुमति देने से इनकार कर दिया।
महाकुंभ में आस्था की डुबकी
परमिशन न मिलने के बावजूद मुकेश अंबानी और उनका परिवार मेला क्षेत्र में पहुंचे और श्रद्धा पूर्वक पूजा-अर्चना की। वे सबसे पहले परमार्थ निकेतन शिविर पहुंचे, जहां पूजन और आध्यात्मिक चर्चा के बाद वे त्रिवेणी घाट गए। यहां स्वामी कैलाशानंद की उपस्थिति में विधिवत पूजा संपन्न हुई और फिर पूरे परिवार ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई।
इसके बाद मुकेश अंबानी लेटे हनुमान जी के मंदिर जाना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के कारण इसकी भी अनुमति नहीं दी।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई दिग्गजों ने लगाई डुबकी
महाकुंभ का यह महापर्व आस्था और परंपरा का संगम है, जहां देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्नान और पूजा करने के लिए उमड़ रहे हैं। अब तक 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं।
इस महाकुंभ में अब तक भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान सहित तमाम दिग्गज नेताओं ने संगम में स्नान किया है।
इसके अलावा विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, जिनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल प्रमुख रूप से शामिल हैं, भी आस्था की इस परंपरा में भाग ले चुके हैं।
विदेशी अतिथियों की बात करें तो भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक समेत 73 देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने भी महाकुंभ में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
योगी सरकार की प्रशासनिक सख्ती
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण सबसे बड़ी चुनौती होती है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार आयोजन को अत्यंत सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए कड़े नियम लागू किए हैं। वीवीआईपी मूवमेंट के बावजूद प्रशासन किसी को भी भीड़ नियंत्रण और यातायात नियमों में ढील देने के पक्ष में नहीं है।
मुकेश अंबानी के काफिले पर लगी रोक इस बात का संकेत है कि योगी सरकार कानून और व्यवस्था के मामले में किसी के साथ विशेष रियायत नहीं बरत रही। इससे पहले भी कई वीआईपी मेहमानों के काफिले को नियंत्रित किया गया है ताकि मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा बनी रहे।
महाकुंभ में अद्भुत आयोजन का सिलसिला जारी
महाकुंभ 2025 आध्यात्मिक भव्यता और सांस्कृतिक आयोजन का अनूठा उदाहरण पेश कर रहा है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाने की यह परंपरा लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। धार्मिक प्रवचनों, योग शिविरों और भजन-कीर्तन के आयोजन से पूरा मेला क्षेत्र भक्तिमय हो चुका है।
मुकेश अंबानी का महाकुंभ में आगमन और प्रशासन द्वारा उनके काफिले पर लगाई गई रोक यह दर्शाती है कि आस्था के इस पर्व में सभी समान हैं और नियमों का पालन सभी को करना है, चाहे वे कितने भी प्रभावशाली क्यों न हों।
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Author: मुख्य व्यवसाय प्रभारी
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