अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
संसद के बजट सत्र के तीसरे दिन प्रयागराज कुंभ में हुई भगदड़ का मामला जोरशोर से उठा। विपक्षी दलों ने इस घटना पर चर्चा की मांग करते हुए सरकार से मृतकों का सही आंकड़ा जारी करने की अपील की। दोनों सदनों में इस मुद्दे को लेकर भारी हंगामा हुआ, नारेबाजी हुई और विपक्ष ने सांकेतिक तौर पर सदन का बहिष्कार भी किया।
राज्यसभा में हंगामा, खड़गे के बयान पर विवाद
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी बात की शुरुआत कुंभ हादसे में दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि देकर की। उन्होंने कहा,
“महाकुंभ में दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने हज़ारों की संख्या में वहां अपनी जान दी है।”
इस बयान पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने जोरदार विरोध किया और सदन में हंगामा शुरू हो गया। सत्ता पक्ष ने खड़गे से अपने बयान को साबित करने या वापस लेने की मांग की। इस पर खड़गे ने कहा,
“अगर ये गलत है तो आप बताइए, क्या सच है?”
राज्यसभा के सभापति जगदीश धनखड़ ने खड़गे को अपने बयान पर पुनर्विचार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस सदन में कही गई हर बात का बहुत महत्व होता है और जो संदेश यहां से जाता है, वह पूरी दुनिया में सुना जाता है।
इसके बाद विपक्षी सांसदों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया और सदन के बाहर सरकार पर हमला बोला। विपक्षी सांसदों ने कुंभ मेले में कथित वीआईपी व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि प्रशासन आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रहा।
जया बच्चन और तृणमूल कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना
समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने भी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा,
“राज्यसभा में जलशक्ति मंत्रालय पर सवाल उठाए गए। सबसे ज्यादा दूषित पानी इस वक्त कहां है? कुंभ में! लेकिन सरकार कोई सफाई नहीं दे रही है। पानी में लाशें डाल दी गई हैं, जिससे पानी दूषित हो गया है।”
वहीं, तृणमूल कांग्रेस की सांसद सागरिका घोष ने सरकार से सच्चाई बताने की मांग की। उन्होंने कहा,
“कुंभ मेले में क्या हुआ था, हम इसका सच चाहते हैं। खोजी पत्रकारों की रिपोर्ट बता रही है कि वहां 30 नहीं, बल्कि बहुत ज्यादा लोगों की मौत हुई है। सरकार क्यों नहीं बता रही कि कितने लोग मारे गए? यह अपराध है।”
राजद सांसद मनोज झा बोले – सरकार जवाब देने से भाग रही
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पूरा देश इस हादसे से दुखी है, लेकिन सरकार लोगों को जवाब देने के बजाय आंकड़े छिपाने में लगी है। संसद परिसर में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा,
“सिर्फ़ हमारी बात नहीं है, पूरा देश परेशान है, अपने लोगों को ढूंढ रहा है। कुंभ पहले भी था, आगे भी होगा, लेकिन इतनी बड़ी त्रासदी के बाद सरकार की यह चुप्पी समझ से परे है। सदन को अनभिज्ञ रखना मतलब पूरे देश को अंधेरे में रखने की कोशिश करना है।”
उन्होंने कहा कि इसी वजह से विपक्ष ने सांकेतिक वॉकआउट किया।
लोकसभा में भी कुंभ हादसे पर हंगामा
सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विपक्षी सांसद प्रश्नकाल के दौरान कुंभ हादसे पर चर्चा की मांग कर रहे थे, लेकिन लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इसे खारिज कर दिया।
“प्रश्नकाल के दौरान किसी अन्य विषय पर चर्चा नहीं हो सकती।” – ओम बिरला
स्पीकर के इस फैसले के बावजूद विपक्षी सांसद लगातार नारेबाजी करते रहे और कुंभ हादसे में मारे गए लोगों का सही आंकड़ा जारी करने की मांग करते रहे।
इस दौरान ओम बिरला विपक्षी सांसदों के व्यवहार पर नाराज भी दिखे। उन्होंने गुस्से में कहा,
“आपको जनता ने यहां सवाल पूछने के लिए भेजा है, मेज तोड़ने के लिए नहीं। अगर मेज ही तोड़ना है तो और जोर से मारिए।”
इस पर विपक्षी सांसदों ने और जोर से नारेबाजी शुरू कर दी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्षी सांसदों के रवैये की आलोचना की।
वहीं, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरकार पर आरोप लगाया,
“हमने महाकुंभ को लेकर विशेष चर्चा की मांग की थी, लेकिन सरकार ने हमारी मांग को खारिज कर दिया। जैसे वे कुंभ में लाशों की संख्या को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं, वैसे ही लोकसभा में जवाबदेही से भाग रहे हैं।”
बीजेपी का बचाव – विपक्ष पर कुंभ को बदनाम करने का आरोप
बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कुंभ मेले में अद्भुत व्यवस्था की गई थी। उन्होंने कहा,
“अगर कुंभ की व्यवस्था शानदार नहीं होती, तो इतने लोग सफलतापूर्वक स्नान के लिए नहीं पहुंच पाते। कुंभ को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।”
उन्होंने कहा कि भगदड़ का कारण पता लगाने के लिए जांच जरूरी है और यह देखा जाना चाहिए कि यह घटना प्राकृतिक थी या किसी साजिश का नतीजा।
“दुःखद घटनाओं का राजनीतिक लाभ लेने की यह यात्रा बंद होनी चाहिए।”
क्या है प्रयागराज कुंभ भगदड़ का पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी की रात करीब 2 बजे कुंभ मेले में भगदड़ मच गई।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस हादसे में 30 लोगों की मौत और 60 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है।
हालांकि, विपक्ष का दावा है कि भगदड़ दो जगहों पर हुई थी और मरने वालों की संख्या सरकार द्वारा बताए गए आंकड़े से कहीं ज्यादा है।
समाजवादी पार्टी का बड़ा आरोप
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर आंकड़े छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा,
“महाकुंभ में जिन लोगों की जान गई, सरकार उनकी गिनती छिपा रही है। प्रशासन करोड़ों श्रद्धालुओं की गिनती कर सकता है, लेकिन शवों की सही संख्या क्यों नहीं बता रहा? तमाम लोग अब भी अपनों को ढूंढ रहे हैं।”
कुंभ मेले में हुई भगदड़ पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा देखने को मिला। विपक्ष सरकार पर जवाबदेही से बचने और आंकड़े छिपाने का आरोप लगा रहा है, जबकि बीजेपी ने इसे राजनीतिक स्टंट करार दिया है।
अब देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर आगे क्या रुख अपनाती है और क्या भगदड़ की पूरी सच्चाई सामने आ पाएगी?

Author: मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की