चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
बस्ती। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में बिजली विभाग की लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां के एक गरीब किसान को बिजली विभाग ने 7 करोड़ 33 लाख रुपये का भारी-भरकम बिल थमा दिया। जब किसान ने यह बिल देखा तो उसके होश उड़ गए। उसे यकीन ही नहीं हुआ कि उसका इतना बड़ा बिल आ सकता है। किसान का कहना है कि अगर वह अपनी पूरी संपत्ति भी बेच दे, तब भी वह यह बिल नहीं चुका पाएगा।
बिजली का बिल देखकर चकराया किसान
यह मामला बस्ती जिले के हरैया उपकेंद्र के केशवपुर फीडर के रमया गांव का है। यहां के निवासी मोलहु ने साल 2014 में एक किलोवाट का घरेलू बिजली कनेक्शन लिया था। वे बेहद साधारण जीवन जीते हैं और उनके घर में सिर्फ पंखा और बल्ब ही चलते हैं। लेकिन दिसंबर 2024 में उनका बिजली बिल अचानक 75 हजार रुपये तक पहुंच गया, जिससे वे पहले ही परेशान थे।
हालांकि, जनवरी 2025 में जब उन्होंने अपना बिजली बिल चेक किया तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। बिजली विभाग ने उन्हें 7 करोड़ 33 लाख रुपये का बिल भेज दिया। बिल की राशि इतनी अधिक थी कि मोलहु को विश्वास ही नहीं हुआ।
इतना बड़ा बिल सुनकर हार्ट अटैक आ जाएगा
मोलहु ने बताया कि जब उन्होंने यह बिल सुना तो उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। उन्होंने कहा, “इतना बड़ा बिजली का बिल देखकर मुझे हार्ट अटैक आ जाएगा। मेरी एक बेटी है, अब उसकी शादी कैसे होगी? मैं पूरी जिंदगी भी मेहनत कर लूं तो भी 7 करोड़ रुपये नहीं जुटा सकता।”
मोलहु के बेटे ने बताया कि गांव में कुछ दिन पहले बिजली विभाग के कर्मचारी चेकिंग करने आए थे। जब उन्होंने अपने पिता के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से बिजली का बिल चेक किया, तो वह चौंक गए। कंप्यूटर पर 7.33 करोड़ रुपये का बकाया दिखा रहा था और बिजली विभाग ने तुरंत भुगतान करने के लिए कहा। यह सुनकर पूरा परिवार सदमे में आ गया।
परिवार में मचा हड़कंप
बिजली का यह बिल सुनकर न सिर्फ मोलहु बल्कि पूरा परिवार परेशान हो गया। उनकी पत्नी की तबीयत भी बिगड़ गई। बेटे ने बताया, “पिछले महीने 75 हजार रुपये का बिल देखकर हम परेशान थे, लेकिन एक महीने में यह करोड़ों में कैसे पहुंच गया? हमारे घर में तो सिर्फ पंखा और बल्ब चलता है, फिर यह भारी-भरकम बिल कैसे आ गया?”
परिवार ने तुरंत बिजली विभाग में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
“इतना बिल कैसे जमा कर पाएंगे?”
मोलहु का परिवार बेहद परेशान है और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। उन्होंने बिजली विभाग से गुहार लगाई कि उनके बिल की जांच की जाए। उन्होंने कहा, “हम जैसे आम आदमी के लिए इतना बड़ा बिल चुकाना नामुमकिन है। सरकार को हमारी परेशानी समझनी चाहिए और हमारी समस्या का समाधान करना चाहिए।”
बिजली विभाग का जवाब
जब यह मामला चर्चा में आया तो बिजली विभाग के अधिकारियों की भी नींद उड़ी। अधीक्षण अभियंता ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है और हरैया के एक्सईएन (कार्यकारी अभियंता) को इस बारे में सूचना दी गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही इस गलती को सुधार लिया जाएगा और सही बिल जारी किया जाएगा।
बिजली विभाग की लापरवाही का नहीं है यह पहला मामला
यह कोई पहला मामला नहीं है जब बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं को गलत बिल भेजा हो। इससे पहले भी कई बार यूपी के अलग-अलग जिलों में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं, जहां उपभोक्ताओं को लाखों-करोड़ों का गलत बिल थमा दिया गया। हालांकि, मीडिया में मामला आने के बाद ही बिजली विभाग इन गलतियों को सुधारता है।
मोलहु को कब मिलेगा न्याय?
अब सवाल यह उठता है कि क्या मोलहु और उनके परिवार को समय पर न्याय मिलेगा? क्या बिजली विभाग अपनी गलती को जल्द सुधारेगा? जब तक इस मामले का समाधान नहीं होता, तब तक गरीब किसान और उसका परिवार चिंता में डूबा रहेगा।
बिजली विभाग की इस लापरवाही से साफ है कि आम आदमी के लिए सरकारी सिस्टम से लड़ना कितना मुश्किल है। उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन इस मामले को जल्द से जल्द हल करेगा और मोलहु को राहत मिलेगी।
Author: मुख्य व्यवसाय
जिद है दुनिया जीतने की