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31 January 2025 3:59 am

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विधवा के प्यार में अंधा हुआ दो बच्चों का बाप, शादी से मना किया तो बीच सड़क पर तेजाब से नहलाया, बूंद-बूंद ने पिघलाया पूरा जिस्म

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अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

कानपुर जिले के बिधनू से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एकतरफा प्यार में पागल एक व्यक्ति ने शादी से इनकार करने पर एक विधवा महिला पर तेजाब फेंक दिया। यह भयावह घटना दो साल पहले 4 मई 2022 को घटी थी, लेकिन पीड़िता ने हार नहीं मानी और हिम्मत व साहस के साथ न्याय की लड़ाई लड़ी।

सोमवार को अपर जिला जज तृतीय कंचन सागर की अदालत ने इस मामले में कड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी अजय को 30 साल की कठोर कारावास की सजा दी और 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इसके अलावा, कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि पीड़िता को योजनाओं के तहत मुआवजा दिया जाए।

घटना कैसे हुई?

यह घटना कानपुर के बिधनू थाना क्षेत्र के खड़गपुर सोसाइटी की है। यहां रहने वाली प्रियंका (उर्फ खुशबू) के पति की जनवरी 2022 में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद प्रियंका अपने बच्चे के साथ मायके में रहने लगी और समाधि पुलिया स्थित एक रस्सी की फैक्ट्री में काम करने लगी।

4 मई 2022 की सुबह 9:30 बजे, जब प्रियंका अपने कार्यस्थल की ओर जा रही थी, तभी कल्याणपुर मवइया निवासी अजय ने रास्ता रोक लिया। अजय प्रियंका से शादी करने का दबाव बना रहा था, लेकिन जब प्रियंका ने उसका प्रस्ताव ठुकरा दिया और आगे बढ़ने लगी, तो गुस्से में बौखलाए अजय ने अपने पास रखा तेजाब का डिब्बा प्रियंका पर उड़ेल दिया।

तेजाब हमले के बाद प्रियंका की हालत

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने शोर मचाया और पड़ोसियों ने पुलिस और प्रियंका के पिता को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और प्रियंका को गंभीर हालत में उर्सला अस्पताल में भर्ती कराया। बाद में उसे लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां उसका लंबे समय तक इलाज चला।

कोर्ट ने अजय को दोषी करार दिया

इस मामले में 14 सितंबर 2022 को कोर्ट में आरोप तय किए गए थे। अभियोजन पक्ष ने पीड़िता, उसके पिता और अन्य सात गवाहों को पेश किया। सभी गवाहों और सबूतों को देखते हुए अदालत ने अजय को दोषी करार दिया।

कोर्ट का बड़ा फैसला

अजय को 30 साल की कठोर कैद की सजा सुनाई गई।

1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया, जो पीड़िता को मुआवजे के रूप में दिया जाएगा।

सरकार को आदेश दिया गया कि पीड़िता को सरकारी योजनाओं के तहत आर्थिक सहायता दी जाए।

अजय और उसके परिवार ने बनाया था समझौते का दबाव

पीड़िता ने कोर्ट में बयान दिया कि अजय के परिवार वाले उस पर समझौते के लिए दबाव बना रहे थे। वे धमकी देते थे कि अगर समझौता नहीं किया तो अजय जेल से छूटकर आएगा और उसे जान से मार देगा। लेकिन प्रियंका ने डटकर मुकाबला किया और न्याय की लड़ाई लड़ी।

कोर्ट ने क्या कहा?

फैसला सुनाते समय अदालत ने कहा कि यह अपराध केवल पीड़िता के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज के खिलाफ है। पीड़िता को इस हमले के निशान और दर्द को जीवनभर सहना पड़ेगा, इसलिए अजय को कड़ी सजा देना न्याय की मंशा को पूरा करता है।

तेजाब हमले के मामलों में यह फैसला एक मिसाल बन सकता है। यह घटना न सिर्फ प्रियंका के लिए, बल्कि हर उस महिला के लिए प्रेरणा है, जो अन्याय के खिलाफ लड़ने से डरती हैं। प्रियंका ने हिम्मत और साहस के साथ लड़ाई लड़ी और दरिंदे अजय को सजा दिलाने में सफल हुई।

अब देखना यह है कि यह फैसला समाज में तेजाब हमले जैसे अपराधों को रोकने में कितनी प्रभावी भूमिका निभाता है।

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