अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान बुधवार की रात करीब 1:30 बजे एक घाट पर भगदड़ मच गई। इस घटना में कई श्रद्धालु घायल हो गए, जिससे कुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। इस भगदड़ को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने इस घटना को एक गहरी साजिश करार देते हुए विपक्षी दलों पर गड़बड़ी फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने सरकार से इस साजिश की जांच कराने की भी मांग की है। दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा देने की मांग की है और कहा कि महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था सेना को सौंप देनी चाहिए।
घटना के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का बयान
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने शाही स्नान के बाद अपने शिविर में लौटते समय मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका सराहनीय है और उनकी सीधी निगरानी के कारण ही मेले की व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है।**
भगदड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए रवींद्र पुरी ने कहा,
“आज महात्मा, संन्यासी, नागा सभी ने स्नान कर लिया। आज स्नान करना बहुत कठिन हो गया था, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद कमान संभाली और प्रशासन को सक्रिय किया, जिससे व्यवस्था तेजी से दुरुस्त हुई। सीएम और मेला प्रशासन के सहयोग से स्नान बहुत सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।”
हालांकि, उन्होंने भगदड़ को लेकर विपक्षी दलों की साजिश का संदेह जताया। उन्होंने कहा कि इस घटना की गहराई से जांच होनी चाहिए और यह पता लगाया जाना चाहिए कि विपक्ष ने कहीं जानबूझकर तो भगदड़ नहीं करवाई।
अखिलेश यादव ने साधा सीधा निशाना, सीएम के इस्तीफे की मांग
इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए महाकुंभ की सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना को सौंपने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल रही है और इसी कारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा दे देना चाहिए।
अखिलेश यादव ने कहा,
“महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में भगदड़ जैसी घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं। सरकार को सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए थी, लेकिन वह इसमें असफल रही। यह कुंभ मेला किसी सरकार की जागीर नहीं है, बल्कि पूरे देश का आयोजन है। अब समय आ गया है कि इसकी सुरक्षा सेना को सौंप दी जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।”
क्या यह विपक्ष की साजिश थी?
रवींद्र पुरी ने अखिलेश यादव की मांग पर पलटवार करते हुए इसे विपक्ष की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि जब से महाकुंभ मेला शुरू हुआ है, तब से विपक्ष लगातार इस आयोजन की आलोचना कर रहा है। उन्होंने कहा,
“विपक्ष शुरू से ही कुंभ मेले की व्यवस्था पर सवाल उठा रहा था। वे कह रहे थे कि यह भूमि उनकी है। वे गंगा में स्नान को पाप बता रहे थे। उनका कहना था कि गंगा में स्नान करने से बीमारियां फैलती हैं। ऐसे में मुझे संदेह है कि कहीं यह भगदड़ भी उनकी साजिश का हिस्सा तो नहीं थी?”
महाकुंभ में बढ़ी सुरक्षा, जांच के आदेश जारी
भगदड़ की इस घटना के बाद प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है और इस घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। प्रशासन का कहना है कि भगदड़ के पीछे की असली वजह का पता लगाया जा रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में भगदड़ की इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। जहां अखिलेश यादव ने सीएम योगी से इस्तीफे की मांग की है, वहीं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने इसे विपक्ष की साजिश करार दिया है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस घटना की जांच कैसे कराती है और दोषियों को क्या सजा मिलती है।