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4 March 2025 2:10 pm

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रेतीले धार की खूबसूरती “मोनालिसा”, जिसके वास्तविक व्यक्तित्व की सादगी को रंगीन तूलिका से उकेरा “राधेश्याम मीणा” ने

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एड सुरेंद्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट

महाकुंभ मेले में अपने सादगी भरे रूप और रुद्राक्ष की माला बेचने वाली मोनालिसा पूरे देश में चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं। उनके व्यक्तित्व और सादगी ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस बीच, उनकी हूबहू पेंटिंग बनाकर देशभर में सुर्खियां बटोरने वाले राधेश्याम मीणा भी प्रशंसा का पात्र बने हुए हैं। उनकी कला इतनी जीवंत है कि लोग असली मोनालिसा और उनकी पेंटिंग के बीच अंतर नहीं कर पा रहे हैं।

कला का उत्कृष्ट नमूना: राधेश्याम मीणा

राधेश्याम मीणा राजस्थान के बनेठा कस्बे के पास स्थित किशनगंज गांव के रहने वाले हैं। वर्तमान में वे धौलपुर में पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय में कला शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। नवोदय विद्यालय समिति द्वारा महाकुंभ मेले पर सृजनात्मक और रचनात्मक पेंटिंग बनाने के निर्देश दिए गए थे। इस पर राधेश्याम मीणा ने प्रयागराज महाकुंभ में रुद्राक्ष की माला बेचने वाली मध्य प्रदेश की मोनालिसा की सजीव पेंटिंग बनाई, जिसने सबका दिल जीत लिया। उनकी यह पेंटिंग सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही है।

मोनालिसा और उनकी प्रसिद्धि

मोनालिसा अपनी सादगी, शालीनता और सौम्यता के लिए प्रयागराज महाकुंभ में खूब प्रसिद्ध हुईं। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो गए। उनकी इसी सादगी और व्यक्तित्व को राधेश्याम मीणा ने अपनी पेंटिंग में उकेरा। पेंटिंग इतनी जीवंत थी कि लोगों ने उनकी कला की जमकर तारीफ की।

एआई सांकेतिक तस्वीर

राष्ट्रीय स्तर पर पहचान

राधेश्याम मीणा न केवल धौलपुर में बल्कि नागालैंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और अन्य राज्यों में भी अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं। उनकी पेंटिंग्स की विशेषता यह है कि वे इतनी सजीव लगती हैं कि मानो बोलने लगें। उनके बेहतरीन काम के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

कला के प्रति समर्पण

राधेश्याम मीणा का मानना है कि यदि एक कलाकार ठान ले तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। उन्होंने अपने चित्रों के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। वे मांडणा लोक कला के विशेषज्ञ हैं और लोक कला मंच पर शोध कार्य भी कर रहे हैं। उनके अनुसार, कला मानव के आंतरिक भावों को व्यक्त करने का सशक्त माध्यम है, जो आनंद की अनुभूति कराती है।

देशभर में प्रदर्शनी

राधेश्याम मीणा ने हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान समेत कई राज्यों में अपने चित्रों की प्रदर्शनी लगाई है। इसके अलावा वे दिल्ली, उदयपुर, चंडीगढ़, जयपुर, भोपाल, बड़ौदा, शिमला, जैसलमेर, हैदराबाद, भटिंडा जैसे शहरों में भी अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं। वे रिसोर्स पर्सन के रूप में कई विश्वविद्यालयों और संस्थानों में आदिवासी लोक कला के शिक्षण कार्य से भी जुड़े रहे हैं।

कला के माध्यम से प्रेरणा

राधेश्याम मीणा की यह कला और उनके प्रयास देशभर में कलाकारों और युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी पेंटिंग्स के माध्यम से न केवल कला को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि सादगी और सौम्यता का संदेश भी प्रसारित हो रहा है।

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