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27 January 2025 10:30 am

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स्वास्थ्य सेवाओं में कमीशनखोरी : प्लास्टर के लिए 700 रुपये की मांग

52 पाठकों ने अब तक पढा

धर्मेंद्र कुमार की रिपोर्ट

बांदा, नरैनी, वर्तमान समय में मंहगाई के दौर में हर गरीब व्यक्ति अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत और भागदौड़ करने को मजबूर है। लेकिन, यदि किसी दुर्घटना या बीमारी के कारण उसे किसी चिकित्सक के पास जाना पड़े, तो इलाज के दौरान उसे कई बार उन समस्याओं से भी गुजरना पड़ता है, जो उसके लिए किसी अभिशाप से कम नहीं होतीं।

स्वास्थ्य केंद्र में दलाली का खेल

बांदा जिले के नरैनी ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार के मामले सामने आ रहे हैं। यहां कुछ चिकित्सक मरीजों की समस्याओं को हल करने के बजाय अपने पास निजी दलाल रखे हुए हैं, जो इलाज और बाहरी दवाओं के नाम पर खुलेआम कमीशनखोरी कर रहे हैं। इन दलालों का उद्देश्य मरीजों की जरूरतों का फायदा उठाकर उनसे पैसे लूटना है, और इस प्रक्रिया में चिकित्सक भी शामिल नजर आते हैं।

फ्रैक्चर के इलाज में दलाली का मामला

स्वास्थ्य केंद्र की अराजकता का एक ताजा उदाहरण सामने आया है। यहां इलाज कराने आए अखिलेश गुप्ता ने बताया कि उनकी उंगली में चोट लगने के कारण फ्रैक्चर हो गया था। डॉक्टर लवलेश ने उन्हें एक्सरे कराने को कहा। एक्सरे के बाद, डॉक्टर ने अपने पास बैठे एक व्यक्ति को 700 रुपये देकर प्लास्टर कराने के लिए कहा। सवाल यह उठता है कि अगर इस स्वास्थ्य केंद्र में प्लास्टर की सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो डॉक्टर ने बाहरी व्यक्ति से प्लास्टर कराने की सिफारिश क्यों की?

अगर वास्तव में सुविधा उपलब्ध नहीं थी, तो डॉक्टर को मरीज को किसी अन्य अस्पताल जाने की सलाह देनी चाहिए थी। लेकिन, इस प्रकार प्राइवेट व्यक्ति से इलाज कराने के लिए प्रेरित करना और कमीशन के लिए बाहरी दवाएं लिखना इस बात की ओर इशारा करता है कि यह पूरा मामला किसी बड़े गोरखधंधे का हिस्सा हो सकता है।

मरीजों के साथ अन्याय और प्रशासन की चुप्पी

नरैनी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को आर्थिक और मानसिक रूप से लूटने की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। इससे पहले भी यह स्वास्थ्य केंद्र कई बार सुर्खियों में रहा है। गरीब मरीजों को सस्ती और सरकारी सुविधाएं देने के बजाय निजी व्यक्तियों से सेवाएं दिलवाने की यह प्रक्रिया सीधे तौर पर गरीबों का शोषण है।

जांच और कार्रवाई की जरूरत

इस पूरे मामले में जिम्मेदार अधिकारियों को गंभीरता से जांच करनी चाहिए और दोषी चिकित्सकों और प्राइवेट दलालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। गरीब मरीजों के साथ हो रहे अन्याय को रोकने के लिए स्वास्थ्य केंद्र में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

गरीब मरीजों के अधिकार

स्वास्थ्य केंद्रों का उद्देश्य मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। लेकिन, यदि यही केंद्र लूट और दलाली के अड्डे बन जाएं, तो इसका सबसे ज्यादा खामियाजा गरीब मरीजों को भुगतना पड़ता है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्वास्थ्य केंद्रों में सभी मरीजों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिलें।

समाज का दायित्व

यह समाज और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जाएं। स्वास्थ्य केंद्रों में पारदर्शिता लाने और मरीजों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए सख्त नियम लागू किए जाने चाहिए। यह सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है कि कोई भी गरीब व्यक्ति इलाज के अभाव में आर्थिक और मानसिक उत्पीड़न का शिकार न हो।

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