कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव पर हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी के बाद विवाद गहरा गया है। इस बयान के विरोध में समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता आक्रोशित हैं और उन्होंने जगह-जगह प्रदर्शन कर महंत के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले पर अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने महंत राजू दास की कड़ी निंदा करते हुए उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिए कहा है।
अपर्णा यादव ने महंत को लगाई फटकार
अपर्णा यादव ने महंत राजू दास की टिप्पणी पर नाराजगी जताते हुए कहा,
“ऐसी गलत पोस्ट करने वाले लोग केवल खुद को सुर्खियों में लाने की कोशिश करते हैं। आप एक बड़े धार्मिक समुदाय से संबंध रखते हैं, लेकिन इस तरह की निकृष्ट बातें कह रहे हैं, जो बिल्कुल भी अपेक्षित नहीं है। अगर आपने ऐसा किया है, तो आपको इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।”
अपर्णा यादव ने आगे कहा कि सार्वजनिक जीवन में किसी भी व्यक्ति को इस तरह की अभद्र टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी का समर्थन करने वाले यादव हमेशा से सनातन संस्कृति का पालन करने वाले रहे हैं और किसी भी धर्म के प्रति अपमानजनक टिप्पणी का समर्थन नहीं किया जा सकता।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला क्षेत्र में मुलायम सिंह यादव की एक प्रतिमा स्थापित की गई है। इस प्रतिमा को लेकर महंत राजू दास ने सोशल मीडिया पर एक विवादित टिप्पणी की, जिससे समाजवादी पार्टी के समर्थकों में आक्रोश फैल गया। इस टिप्पणी की निंदा करते हुए सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राजू दास के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और विरोध प्रदर्शन किया।
राजनीतिक बयानबाजी हुई तेज
महंत राजू दास की टिप्पणी के बाद सपा और भाजपा नेताओं के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी इसे स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव का अपमान बता रही है और इस मुद्दे पर भाजपा से जवाब मांग रही है। वहीं, अपर्णा यादव जैसी भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया यह दिखा रही है कि पार्टी इस तरह की बयानबाजी को सही नहीं मान रही।
इस विवाद के बीच मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर भी राजनीति गरमा गई है। अपर्णा यादव ने भाजपा के समर्थन में प्रचार करते हुए कहा कि “यादव हमेशा से सनातनी रहा है”, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि भाजपा अब यादव समुदाय को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रही है।
आगे क्या होगा?
इस पूरे विवाद के बाद महंत राजू दास पर दबाव बढ़ गया है। अब यह देखना होगा कि वे अपनी टिप्पणी पर माफी मांगते हैं या नहीं। वहीं, समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को भुनाकर भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश कर सकती है। इस विवाद का असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है, क्योंकि यह मामला सीधे यादव समुदाय और हिंदुत्व की राजनीति से जुड़ा हुआ है।