जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
मऊ। अमिला क्षेत्र में सोमवार को हुए दर्दनाक सड़क हादसे में परीक्षा देने जा रही छात्रा और उसके चाचा की मौत हो गई। इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। हालांकि, अब इस मामले में स्कूली बसों की अदला-बदली का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जिससे पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
गलत बस पुलिस को सौंपी, परिजनों ने असली बस पकड़ी
हादसे के बाद घोसी पुलिस ने एक स्कूली बस को जब्त कर लिया, लेकिन मंगलवार को मृतकों के परिजनों और ग्रामीणों ने पुलिस को एक और बस सौंप दी। परिजनों का आरोप है कि दुर्घटना बस नंबर UP 54 AT 3374 से हुई थी, लेकिन विद्यालय प्रबंधन ने बस नंबर UP 54 AT 3375 को पुलिस को सौंपकर भ्रम फैलाने की कोशिश की।
स्कूल प्रबंधन पर उठे सवाल, क्या सच्चाई छिपाने की हो रही कोशिश?
फिलहाल, दोनों बसें पुलिस की हिरासत में हैं, लेकिन इस मामले में विद्यालय प्रबंधन की भूमिका संदेहास्पद नजर आ रही है। बसों की अदला-बदली से यह आशंका गहराती जा रही है कि सच्चाई को छिपाने के लिए कोई बड़ी साजिश रची जा रही है।
क्या मिलेगा पीड़ित परिवार को न्याय?
अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस निष्पक्ष जांच करती है या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाता है। परिजन और स्थानीय लोग न्याय की मांग कर रहे हैं और चाहते हैं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। इस घटना ने स्कूल बसों की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
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Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की