जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़ में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के तत्वावधान में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, भारत रत्न से अलंकृत गरीबों, वंचितों और शोषितों के मसीहा जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की 101वीं जयंती एवं अति पिछड़ा वर्ग सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह भव्य कार्यक्रम डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क, कलेक्ट्री कचहरी, आजमगढ़ में संपन्न हुआ।
दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पांजलि से हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर एवं पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। इसके पश्चात सभी उपस्थित जनों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला प्रभारी चंद्रमी गौतम ने की, जबकि संचालन प्रदेश प्रवक्ता मुन्नालाल निगम ने किया।
मुख्य अतिथि ने कर्पूरी ठाकुर के योगदान को किया याद
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश संयोजक शिवमोहन शिल्पकार उपस्थित रहे। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में अनेकों पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग के महापुरुषों ने समाज को दिशा देने का कार्य किया है। जननायक कर्पूरी ठाकुर भी ऐसे ही एक महान विभूति थे, जिन्होंने समाज को नई दिशा प्रदान की।
उन्होंने बताया कि 24 जनवरी 1924 को ब्रिटिश शासनकाल के दौरान समस्तीपुर (बिहार) के पितौझिया गाँव (अब कर्पूरी ग्राम) में कर्पूरी ठाकुर का जन्म एक अति पिछड़ी जाति (नाई) में हुआ था। उनके पिता श्री गोकुल ठाकुर सीमांत किसान थे और पारंपरिक रूप से नाई का कार्य करते थे। कर्पूरी ठाकुर का जीवन संघर्षों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने कभी अपने आदर्शों से समझौता नहीं किया।
26 महीने जेल में बिताए, दो बार बने बिहार के मुख्यमंत्री
श्री शिल्पकार ने उनके स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को याद करते हुए बताया कि भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्होंने 26 महीने जेल में बिताए। स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ वे एक प्रखर शिक्षाविद् और राजनीतिज्ञ भी थे। बिहार राज्य के वे दूसरे उपमुख्यमंत्री बने और दो बार मुख्यमंत्री के पद को भी सुशोभित किया।
कर्पूरी ठाकुर ने हमेशा सामाजिक न्याय और समता की बात की। उन्होंने जातिगत आरक्षण जैसे विषयों पर ऐतिहासिक कार्य किए, जिससे समाज के वंचित वर्गों को आगे बढ़ने का अवसर मिला। उनके जीवन की सादगी और निष्ठा को याद करते हुए श्री शिल्पकार ने उपस्थित जनसमूह से उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लेने का आह्वान किया।
गरीबों के बीच 101 कंबलों का वितरण
इस अवसर पर गरीब, वंचित एवं शोषित वर्ग के लोगों की सहायता के उद्देश्य से 101 कंबलों का वितरण किया गया। इस पुनीत कार्य ने कार्यक्रम को और अधिक सार्थक बना दिया।
पूर्वांचल जनमोर्चा के जिला अध्यक्ष के रूप में पुष्पा गौतम मनोनीत
कार्यक्रम के दौरान पूर्वांचल जनमोर्चा के आजमगढ़ जिला अध्यक्ष के रूप में पुष्पा गौतम को मनोनीत किया गया। इस घोषणा के साथ ही कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में हर्ष की लहर दौड़ गई। सभी ने पुष्पा गौतम को बधाई दी और मिठाई खिलाकर उनका अभिनंदन एवं स्वागत किया।
हजारों लोगों की रही उपस्थिति
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। प्रमुख रूप से उपस्थित जनों में प्रमोद कुमार, साहबलाल सरोज, रामलगन विश्वकर्मा, अनिल शर्मा, रघुवंश शर्मा, संतोष कुमार, श्रीमती सरिता देवी, सविता देवी, सुमन, सोनमती, गीता, निर्मला, तारा, सोनी, पुष्पा कुमारी, रिंकी, लीला, जागमति, सुलेखा यादव, संगीता गौतम, माधुरी गौतम, हीरामती भारती, विमला, किरण देवी, प्रेमशीला, रामसरन राम समेत हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।
संघर्ष और सादगी का प्रतीक थे कर्पूरी ठाकुर
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर गरीबों, पिछड़ों और दलितों की आवाज थे। उन्होंने शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय के लिए जीवनभर संघर्ष किया। वे सत्ता में रहकर भी सादगी का जीवन जीने वाले विरले नेताओं में से एक थे।
इस सम्मेलन के माध्यम से समाज के वंचित तबकों को संगठित करने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए जनचेतना जागृत करने का संकल्प लिया गया।