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26 January 2025 12:41 pm

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गांव की गोशाला में गड़बड़ी के आरोपों की होगी त्रिस्तरीय जांच

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धर्मेन्द्र कुमार की रिपोर्ट

नरैनी। पुकारी गांव स्थित गोशाला में गोवंशों की संख्या में हेराफेरी और तस्करी के गंभीर आरोपों की जांच अब त्रिस्तरीय कमेटी करेगी। जिलाधिकारी के आदेश पर मुख्य विकास अधिकारी ने इस संबंध में एक आधिकारिक पत्र जारी किया है, जिसमें जांच समिति के गठन की जानकारी दी गई है।

मुख्य विकास अधिकारी द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि पुकारी गांव की गोशाला में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए उपजिलाधिकारी (नरैनी), जिला विकास अधिकारी और पशु चिकित्सा अधिकारी (बदौसा) को संयुक्त जांच अधिकारी के रूप में नामित किया गया है। यह कमेटी पूरे मामले की गहराई से जांच कर एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

विश्व हिंदू महासंघ ने उठाए सवाल

पुकारी गांव की इस गोशाला में अचानक करीब 150 गोवंशों की संख्या में कमी आने पर विश्व हिंदू महासंघ गोरक्षा समिति के पदाधिकारियों ने बड़ा सवाल खड़ा किया था। उन्होंने गोशाला संचालकों पर गोवंशों की तस्करी करने या फर्जी आंकड़े दिखाकर सरकारी धन हड़पने का आरोप लगाया था। इस मुद्दे को लेकर गोरक्षा समिति के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी (एसडीएम) को सौंपा था। साथ ही, जिलाधिकारी को भी शिकायत पत्र देकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी।

क्या हैं आरोप?

गोरक्षा समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि गोशाला में पहले जितने गोवंश दर्ज थे, अब उनकी संख्या अचानक घट गई है। इस मामले में दो बड़े संदेह उभरकर सामने आ रहे हैं—

1. या तो गोवंशों की अवैध तस्करी की गई है।

2. या फिर पहले गोशाला में अधिक गोवंश दर्ज दिखाकर सरकारी अनुदान का दुरुपयोग किया गया।

गोवंशों के संरक्षण और देखरेख के लिए सरकार की ओर से मिलने वाले फंड का दुरुपयोग होने की आशंका को लेकर यह पूरा मामला तूल पकड़ चुका है।

क्या करेगी त्रिस्तरीय कमेटी?

जांच के लिए गठित त्रिस्तरीय समिति इस बात की गहराई से जांच करेगी कि—

गोशाला में पहले कितने गोवंश थे और अब कितने बचे हैं?

गोवंशों की संख्या में कमी कैसे हुई?

क्या किसी प्रकार की तस्करी हुई है?

गोशाला में सरकारी अनुदान का उपयोग सही तरीके से किया गया या नहीं?

यह कमेटी अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी, जिसके आधार पर दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

गोरक्षकों की सख्त मांग

गोरक्षा समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि मामले में कोई बड़ी गड़बड़ी पाई जाती है, तो गोशाला संचालकों और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने मांग की कि अन्य गोशालाओं की भी इसी तरह से जांच की जाए ताकि सरकार द्वारा दिए जाने वाले धन का सही उपयोग सुनिश्चित हो सके।

पुकारी गांव की गोशाला में गोवंशों की संख्या में भारी कमी के बाद उठा यह मामला अब प्रशासन के संज्ञान में आ चुका है। जिलाधिकारी द्वारा गठित त्रिस्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो जाएगा कि वास्तव में गोशाला में क्या हुआ है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो इस मामले में कठोर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।

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